अडानी ग्रुप मामले में राहुल गांधी का वार – बोले पारदर्शिता जरूरी, क्यों नहीं हो रही है जांच?

नई दिल्ली, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार (31 अगस्त) को अडानी ग्रुप के मामले को लेकर केंद्र सरकार पर हमला किया. उन्होंने कुछ विदेशी न्यूजपेपर की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इससे इन्वेस्टमेंट प्रभावित होता है.

उन्होंने कहा पीएम मोदी का एक करीबी (गौतम अडानी) बिलियन डॉलर का इस्तेमाल शेयर के लिए किया.

क्या आरोप है?
ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (ओसीसीआरपी) अडाणी समूह पर आरोप लगाया कि उसके प्रवर्तक परिवार के साझेदारों से जुड़ी विदेशी इकाइयों के जरिए समूह के शेयरों में करोड़ों डॉलर का निवेश किया गया. अडाणी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है.

अडाणी ग्रुप ने क्या कहा?
अडाणी समूह (Adani Group) ने एक बयान में ओसीसीआरपी की रिपोर्ट को बेवकूफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने के लिए विदेशी मीडिया के एक वर्ग के समर्थित सोरोस-वित्त पोषित हितों का एक प्रयास करार दिया.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बयान में कहा गया, ‘‘ ये दावे एक दशक पहले बंद हो चुके मामलों पर आधारित हैं जब राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अधिक चालान, विदेश में धन हस्तांतरण, संबंधित पक्ष लेनदेन और एफपीआई के जरिए निवेश के आरोपों की जांच की थी. एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकारी और एक अपीलीय न्यायाधिकरण दोनों ने पुष्टि की थी कि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं था और लेनदेन लागू कानून के तहत थे. ’’

उधर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने प्रेस काफ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम मोदी के रिश्ते पर सवाल उठाए हैं. जयराम रमेश ने कहा, ’28 जनवरी से 28 मार्च तक कांग्रेस पार्टी ने अडानी को लेकर पीएम मोदी से 100 सवाल पूछे…

हमें कोई जानकारी नहीं है कि अडानी की शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये का मालिक कौन है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘राहुल गांधी ने इन मुद्दों पर लोकसभा में बात की और उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया. यह अडानी मुद्दा नहीं है, यह ‘मोदानी’ मुद्दा है. असली मुद्दा पीएम मोदी और अडानी के बीच का रिश्ता है.’

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