बैंकों का निजीकरण शुरू, सरकार दो बैंकों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में

नई दिल्ली, सरकार ने दो पीएसयू बैंकों के निजीकरण की तैयारी शुरू कर दी है. सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में दो पीएयसू बैंक के निजीकरण के लिए बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल ला सकती है।

सरकार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) और इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB-Indian Overseas Bank) का निजीकरण कर सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार विंटर सेशन में बैंकिंग कानून में बदलाव कर सकती है. 29 नवंबर से विंटर सेशन की शुरुआत हो रही है. निजीकरण की खबर से बुधवार को दोनों बैंकों के शेयर में 20 फीसदी तक उछाल दर्ज किया गया.

आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में दो सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था. अब इस दिशा में काम शुरू हो गया है. इसमें कई अन्य गैर-वित्तीय राज्य के स्वामित्व वाली संस्थाओं का निजीकरण और पूर्ण स्वामित्व वाली भारतीय जीवन बीमा निगम की सूची शामिल है।

निजीकरण की खबर से आज के कारोबार आईओबी के शेयर में 20 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. बीएसई पर शेयर 20 फीसदी बढ़कर 23.80 रुपये के भाव पर पहुंच गया. जबकि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 15 फीसदी चढ़कर 23.65 रुपये के स्तर पर पहुंचा. इसके अलावा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र का शेयर 9 फीसदी जबकि बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 3 फीसदी बढ़ा।

केंद्र सरकार ने दो अलग-अलग चरण में सरकारी बैंकों की हालत में सुधार के लिए बैंक कंसोलिडेशन की प्रक्रिया अपनाई. 2019 में 10 सरकारी बैंकों का मर्जर किया गया था. इसके तहत छह कमजोर बैंकों का मर्जर चार बड़े बैंकों में किया गया था. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (UBI) का मर्जर किया गया. इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) का मर्जर इंडियन बैंक (Indian Bank) में किया गया. सिंडीकेट बैंक (Syndicate Bank) का मर्जर केनरा बैंक (Canara Bank) में किया गया. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) में आंध्रा बैंक (Andhra bank) और कॉर्पोरेशन बैंक (Corporation Bank) का मर्जर किया गया था।

पहले चरण में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में पांच एसोसिएट बैंक्स का मर्जर किया गया. इसके अलावा विजया बैंक और देना बैंक का मर्जर बैंक ऑफ बड़ौदा में किया गया था. इस समय देश में सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 12 बैंक हैं।

1 फरवरी को बजट पेश करते हुए सरकार ने विनिवेश और निजीकरण का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपए रखा था. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि चालू वित्त वर्ष में दो सरकारी बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण किया जाएगा. इसके अलावा LIC IPO लाने का भी ऐलान किया गया था. साथ में सरकार BPCL में अपनी हिस्सेदारी बेचकर भी फंड इकट्ठा करेगी.

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