नई दिल्ली, बैंक ग्राहकों के लिए काम की खबर है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण (Bank Privatisation) के विरोध में देशभर के बैंक फिर हड़ताल (Bank Strike) पर जाएंगे।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) की केंद्रीय कमेटी ने इस हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया है. देश के सरकारी बैंक के कर्मचारी 23 और 24 फरवरी को दो दिन की बैंक हड़ताल करेंगे. बैंकों के प्राइवेटाइजेशन के विरोध में ये हड़ताल किया जा रहा है. आपको बता दें कि प्राइवेट बैंक भी बंद रहेंगे।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को पेश किए अपने बजट में दो बैंकों के प्राइवेटाइजेशन का ऐलान किया था. जिसके बाद सरकार ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक (Banking Laws (Amendment) Bill 2021) लाने की तैयारी में है।
बैंकों के निजीकरण को लेकर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) ने हड़ताल का ऐलान किया है. यह नौ सरकारी बैंकों के यूनियन का संयुक्त मंच है. UFBU ने 23 और 24 फरवरी को हड़ताल कर रहे हैं. इससे पहले यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने दो सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में 15 और 16 मार्च 2021 को हड़हाल की थी. इसके बाद 16 और 17 दिसंबर 2021 को बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में हड़ताल की गई थी.
गौरतलब है कि ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी) ने सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन की घोषणा की थी. सरकार की ओर से विनिवेश पर गठित की गई सचिवों के मुख्य समूह ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया के नाम सुझाए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्राइवेटाइजेशन से पहले ये बैंक अपने कर्मचारियों के लिए आकर्षक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) ले सकते हैं. यानी कर्मचारियों के लिए भी यह एक चिंता का विषय है.