लखनऊ, ‘दिशा’ शॉर्ट फिल्म की प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित, युवाओं में नशे की लत पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से
लखनऊ के होटल अरिफ़ कैसल्स में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें शॉर्ट फिल्म ‘दिशा’ को पेश किया गया। यह फिल्म “नशा और पदार्थ सेवन की लत” पर आधारित है और इसे Indian Academy Of Pediatrics (IAP) द्वारा प्रोड्यूस किया गया है, जो विश्व की दूसरी सबसे बड़ी बाल चिकित्सकों की संस्था है।
फिल्म ‘दिशा’ ने हाल ही में मुंबई में आयोजित लेक सिटी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ डेब्यू डायरेक्टर अवार्ड जीता। फिल्म की कहानी, स्क्रीनप्ले, डायलॉग्स, म्यूजिक और निर्देशन प्रख्यात संगीतकार, गायनकार, और गीतकार राहुल बी. सेठ द्वारा किया गया है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन श्री के. बी. सेठ (राहुल सेठ के पिता) और INSTADIO (इंस्टेडियो)द्वारा किया गया।
राहुल बी. सेठ और श्री के. बी. सेठ का एक गौरवपूर्ण पारिवारिक इतिहास है, जिसमें राहुल के परदादा, न्यायमूर्ति कुंज बिहारी सेठ, भारत के प्रसिद्ध न्यायधीश रहे थे। इसके अलावा, उनकी चाची, श्री के. बी. सेठ की बहन, श्रीमती लीला सेठ, भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश थीं। उनकी बहुचर्चित पुस्तक ‘ए सुइटेबल बॉय’ के लेखक, अंतरराष्ट्रीय लेखक विक्रम सेठ उनके भतीजे हैं।
‘दिशा’ फिल्म का कांसेप्ट डॉ. वसंत खलातकर, Indian Academy Of Pediatrics (IAP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, द्वारा विकसित किया गया है। इस फिल्म का उद्देश्य आजकल के युवा वर्ग में नशे की लत के गंभीर मुद्दे को उजागर करना है, खासकर नशामुक्ति के प्रति जागरूकता फैलाना। फिल्म का मुख्य उद्देश्य नशे की लत पर गंभीर और प्रभावी कहानी के माध्यम से जागरूकता फैलाना है, जो इसे एक अद्वितीय और मनोरंजक फिल्म बनाता है।
इस फिल्म में कई प्रसिद्ध अभिनेता जैसे कि किरण कुमार, श्वेता कटारिया, विष्णु लटावा, नीति भट्ट और देवेंद्र पांडे जैसे कलाकारों ने अपनी अभिनय कला से फिल्म के संदेश को मजबूती से प्रस्तुत किया है।
कार्यक्रम के विशेष अतिथियों में श्री सुरेश सिंह धपोला (निरवान रिहैब सेंटर, लखनऊ के संस्थापक), श्री के. बी. सेठ, डॉ. पियाली भट्टाचार्य (वरिष्ठ बाल चिकित्सक और IAP की प्रमुख सदस्य), और अर्चना सिंह (वन स्टॉप सेंटर मैनेजर) शामिल थे। धपोला जी और डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने फिल्म की सराहना की और वर्तमान में युवाओं में नशे की लत की स्थिति पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने यह भी बताया कि आजकल एक स्ट्रॉबेरी क्विक नामक पदार्थ से लदी हुई कैंडी स्कूल जाने वाले बच्चों को दी जा रही है, जिससे वे नशे के आदी हो जाते हैं।
यह फिल्म 26 जनवरी को Academy Of Pediatrics (IAP) द्वारा अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर लॉन्च की गई थी और सभी के लिए देखने के लिए उपलब्ध है। जल्द ही यह फिल्म प्रमुख स्कूलों और कॉलेजों में भी दिखाई जाएगी, ताकि नशे से बचने के प्रति जागरूकता फैलायी जा सके।