नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) रविवार को मिस्र की अपनी पहली यात्रा समाप्त करने के बाद भारत के लिए रवाना हो गए.इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के साथ बातचीत की और उन्हें अरब देश के सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ से सम्मानित किया गया.
राष्ट्रपति जो बाइडेन के निमंत्रण पर अमेरिका की हाई-प्रोफाइल राजकीय यात्रा के समापन के बाद शनिवार को यहां पहुंचे मोदी का मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली ने हवाई अड्डे पर स्वागत किया था.
मोदी ने ट्वीट किया ‘मेरी मिस्र यात्रा ऐतिहासिक थी. इससे भारत-मिस्र संबंधों में नई ताकत आएगी और हमारे देशों के लोगों को लाभ होगा. मैं राष्ट्रपति @AlsisiOfficial, सरकार और मिस्र के लोगों को उनके स्नेह के लिए धन्यवाद देता हूं.’
My visit to Egypt was a historic one. It will add renewed vigour to India-Egypt relations and will benefit the people of our nations. I thank President @AlsisiOfficial, the Government and the people of Egypt for their affection. pic.twitter.com/tpoTK3inxH
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2023
राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के निमंत्रण पर मिस्र की उनकी दो दिवसीय राजकीय यात्रा 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधान मंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा थी.
मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति अल-सिसी के साथ बातचीत की और व्यापार और निवेश, ऊर्जा संबंधों में सुधार पर ध्यान देने के साथ दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
राष्ट्रपति अल-सिसी ने मोदी को मिस्र के सर्वोच्च राजकीय सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ पुरस्कार से सम्मानित किया. यह प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया 13वां सर्वोच्च राजकीय सम्मान है.
काहिरा में गीजा के पिरामिड देखे : इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी रविवार को दुनिया के सात अजूबों में शामिल गीजा के पिरामिड देखने पहुंचे जिसे 4000 साल से भी पहले प्राचीन मिस्र के तीन फराओ (बादशाहों) ने बनवाया था.
"I thank PM Mostafa Madbouly for accompanying me to the Pyramids. We had a rich discussion on the cultural histories of our nations and how to deepen these linkages in the times to come," PM Narendra Modi tweets pic.twitter.com/ZxWFstNLIv
— ANI (@ANI) June 25, 2023
पिरामिड प्राचीन विश्व के सात अजूबों में से सबसे पुराना है, जिसका निर्माण 26वीं शताब्दी ईसा पूर्व की शुरुआत में लगभग 27 वर्षों की अवधि में हुआ था. यह एकमात्र ढांचा है, जो काफी हद तक मूल स्वरूप में बरकरार है.
काहिरा शहर के बाहर, गीजा नेक्रोपोलिस में अल-जिजा (गीजा) के पास नील नदी के पश्चिमी तट पर एक चट्टानी पठार पर बने चौथे राजवंश के तीन पिरामिड मानव सभ्यता के इतिहास के गौरवशाली समय का प्रतीक हैं.
‘गीजा के ग्रेट पिरामिड’ मिस्र का सबसे बड़ा पिरामिड है. यह पुराने साम्राज्य के चौथे राजवंश के शासक खुफू की कब्र पर बना है. गीजा के पिरामिड-खुफू, खफरे और मेनकौर समेत मेम्फिस क्षेत्र के प्राचीन खंडहर को सामूहिक रूप से 1979 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था. पिरामिड, एक बड़े परिसर का हिस्सा है, जिसमें पूजा स्थल, कब्रें और अन्य ढांचे हैं. ये प्राचीन मिस्र के फराओ (शासक) खुफू, खफरे और मेनकौर द्वारा बनवाए गए थे.