लखनऊ, आई विजिलेंस टीम ने मथुरा में बड़ी कार्रवाई की है। विजिलेंस टीम ने मथुरा में तैनात पीसीएस अधिकारी को रंगे हाथ उनके आवास से रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद टीम पीसीएस अधिकारी के ऑफिस पहुंची और यहां रखे कागजों की भी जांच की।
टीम यहां से कई फाइलें भी अपने साथ ले गई है। मथुरा में हुई इस कार्रवाई से अन्य कर्मचारियों में हड़कंप मचा है।
पीसीएस अधिकारी किरण चौधरी मथुरा में डीपीआरओ हैं। इंद्रप्रस्थ कॉलोनी स्थित इनका आवास है। शिकायतकर्ता ने उनके आवास पर पहुंचकर 70 हजार रुपये की रिश्वत दी। जैसे ही महिला अधिकारी ने हाथ में रिश्वत के पैसे लिए तभी विजिलेंस की टीम पहुंच गई और पीसीएस अधिकारी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद टीम राजीव भवन स्थित डीपीआरओ कार्यालय पहुंची। टीम अपने साथ शिकायतकर्ता को भी ले गई और ऑफिस में जांच पड़ताल के बाद यहां रखीं फाइलों को जब्त कर लिया।
जानकारी के अनुसार ग्राम प्रधान ने विजिलेंस में महिला डीपीओ की लखनऊ विजिलेंस में शिकायत की थी, जिसके बाद लखनऊ से दो टीमोंने मथुरा में छापेमारी करने के लिए पहुंच गई। टीम ने महिला पीसीएस अधिकारी को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। महिला अधिकारी विजिलेंस टीम के जाल में फंस गई। टीम महिला अधिकारी को अपने साथ लखनऊ ले गई है। मथुरा डीपीआरओ ऑफिस में हुई कार्रवाई के बाद से अन्य कर्मचारियों में हड़कंप मचा है।
फरह के झुड़ावई निवासी प्रताप सिंह राना पुत्र करतार सिंह वर्तमान ग्राम प्रधान ने सतर्कता अधिष्ठान को शिकायत थी। प्रधान ने बताया, अपनी ग्राम सभा में वर्ष 2022-23 में अस्थायी गोशाला के टीन शेड का निर्माण हरेकृष्णा कंस्ट्रक्शन से निविदा प्रक्रिया से कराया गया था। कार्य का भुगतान कर दिया गया था, जिसमें कतिपय कमियां होने से जिला मजिस्ट्रेट ने 10 जून 2024 को उत्तर प्रदेश पंचायती राज्य अधिनियम 1947 की धारा 95 की उपधारा (1) के खण्ड (6) के अन्तर्गत वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों से विरत करते हुए ग्राम पंचायत के निर्वाचित सदस्यों में तीन सदस्यीय समिति गठित कर कंस्ट्रक्शन कंपनी पर कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसकी प्रतिलिपि जिला पंचायत राज अधिकारी, मथुरा को भी गयी थी।
किरण चौधरी, जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा प्रकरण से संबंधित अभिलेखों सहित पत्रावली उपलब्ध कराने हेतु उनके विरुद्ध नोटिस जारी किया गया, जिसके अनुपालन में उन्होंने व सचिव द्वारा प्रकरण से संबंधित अभिलेखों सहित पत्रावली किरण चौधरी (डीपीआरओ) को उपलब्ध करा दी। शिकायत में कहा गया कि किरण चौधरी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुये उनके पक्ष में रिपोर्ट लगाने को रिश्वत के रूप में 70 हजार रुपये की मांग सेवानिवृत्त ड्राइवर बिजेन्द्र सिंह के जरिए की जा रही है। जिस टीम ने पीसीएस अधिकारी को रिश्वत लेते पकड़ा उस विजिलेंस टीम में चार-पांच महिला अधिकारी भी शामिल थीं।
कार्यालय में पत्रावली खंगालीं
डीपीआरओ की गिरफ्तारी के बाद दूसरी विजिलेंस टीम ने उनके राजीव भवन कार्यालय पहुंचकर झुड़ावई ग्राम पंचायत में चल रहे विकास कार्यों से संबंधित सभी पत्रावलियां खंगालीं। यहां उन्हें बड़े बाबू ने फाइलें दिखाई। विजिलेंस टीम यहां काफी देर तक जांच पड़ताल कर कई फाइलों को अपने साथ लखनऊ ले गई है।
डीपीआरओ किरण चौधरी डीपीआरओ नियुक्त होने से पूर्व मथुरा के बीएन पोद्दार इंटर कॉलेज में शिक्षक रह चुकी हैं। डीपीआरओ की नियुक्ति होने के बाद उन्होंने शिक्षक पद की नौकरी छोड़ दी थी। जिलाधिकारी सीपी सिंह ने बताया, विजिलेंस की टीम ने रिश्वत लेते हुए डीपीआरओ को रंगे हाथ पकड़ा है। टीम उन्हें अपने साथ ले गयी है।