ओवैसी के परदादा ‘हिंदू ब्राम्हण’ थे. तुलसीरामदास उनके पर परदादा का नाम, ये जान हुए हैरान AIMIM चीफ

नई दिल्ली, AIMIM ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और संसद में एक मुखर मुस्लिम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के परदादा ‘हिंदू ब्राम्हण’ थे. तुलसीरामदास उनके पर परदादा का नाम है. इस बात की जानकारी जब खुद ओवैसी को लगी तो वह हैरान रह गए.

सोशल मीडिया पर एक महिला का ट्वीट शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी वंश गढ़ना होता है तो संघ वाले उनके लिए ब्राह्मण पूर्वज खोजते हैं. महिला ने फारूक अब्दुल्ला और मोहम्मद अली जिन्ना के परदादा का नाम भी ढूंढ निकाला है. साथ ही कहा कि यह तीनों नेता आज मुस्लिम के रहनुमा हैं.

एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर एक स्क्रीनशॉट शेयर किया और कहा कि जब भी वंश ढूंढते हैं तो ‘संघियों को मेरे लिए ब्राम्हण पूर्वज ढूंढना पड़ता है.’ उन्होंने कहा कि सभी को अपने कर्मों का जवाब देना है. हम सभी आदम और हव्वा की संतान हैं. मुसलमानों के समान अधिकारों और नागरिकता के लिए संघर्ष करना आधुनिक भारत की आत्मा की लड़ाई है, यह हिंदू फोबिया नहीं है. दरअसल, महिला ने उनके परदादा का नाम बताते हुए पूछा था कि क्या यह ‘हिंदू फोबिया नहीं है?’

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के चीफ मोहन भागवत यह बात हमेशा दोहराते रहे हैं कि हिंदुस्तान के मुसलमानों के पूर्वज पहले हिंदू थे. हिंदू और मुस्लिम का डीएनए एक ही है. एक महिला ने सोशल मीडिया पर इसी बात को दोहराने की कोशिश की और तीन मुस्लिम नेताओं के परदादा का नाम खोज लाईं. पूर्णिमा नाम की महिला ने एक्स पर दावा किया कि फारुक अब्दुल्ला के परदादा बालमुकुंद कौल, असदुद्दीन ओवैसी के परदादा तुलसीरामदास और जिन्ना के परदादा जिन्नाभाई खोजा थे, जो खोजा समुदाय से ताल्लुक रखते थे.

 

कांग्रेस के पूर्व नेता और हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में अपने घर पर रह रहे गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि हिंदुस्तान के हिंदू ही मुस्लिम बने हैं. आजाद उन दावों का जवाब दे रहे थे, जिसमें कहा जाता है कि हिंदुस्तान में मुसलमान बाहर से आए. आजाद ने कहा कि बहुत थोड़े मुस्लिम बाहर से आए. हिंदू समुदाय के लोगों ने ही इस्लाम कबूल किया और मुस्लिम बने. उनके इन दावों की चौतरफा आलोचना भी हुई. पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने उन्हें सलाह दी की अगर वह थोड़ा और पीछे जाएंगे तो अपने परिवार में ‘बंदर भी मिल जाएंगे

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