दिल्ली में एक बार फिर यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर, बढ़ा बाढ़ का खतरा ,राहत शिविर में शरण ले रहे लोग

नयी दिल्ली, दिल्ली वासियों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक बार फिर राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है। बाढ़ प्रभावित डरे हुए हैं। बाढ़ का पानी जाने के बाद जो लोग राहत शिविरों से अपने घरों में लौट गए थे वह एक बार फिर राहत शिविरों का रुख करने लगे हैं। वहीं, राहत शिविरों में रहे लोगों को सरकार ने फिलहाल यही रहने के लिए कहा है।

दिल्ली में बाढ़ प्रभावित लोग सिग्नेचर ब्रिज के पास राहत शिविर में शरण ले रहे हैं। सिग्नेचर ब्रिज के पास राहत शिविर में रहने वाले लक्ष्मण दास ने कहा, “हम सिग्नेचर ब्रिज के पास एक शिविर में रहते हैं। हम दिल्ली सरकार से हमें रहने के लिए जगह देने का अनुरोध करते हैं। जब भी क्षेत्र में बाढ़ आती है तो हमें अपना जगह छोड़ना पड़ता है।”

शुक्रवार शाम को करीब 6 बजे तीसरी बार यमुना का जलस्तर 205.38 मीटर के पार पहुंच गया। शुक्रवार रात 10:00 बजे तक पुराने रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 205.48 मीटर से ऊपर बना रहा। जलस्तर बढ़ने से यमुना के पास वाले निचले इलाकों में फिर से पानी भरने का खतरा बढ़ गया है। दिल्ली सरकार ने यमुना में जल स्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान से नीचे आने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध वापस लेने का फैसला किया था।

इससे पहले 10 जुलाई को यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार गया था। 13 जुलाई को यमुना नदी ने दिल्ली में 1978 में आई बाढ़ के दौरान के अपने जलस्तर 207.49 मीटर के रिकार्ड नीचे छोड़ दिया था। पुराने रेलवे ब्रिज पर तब इसका अधिकतम जलस्तर 208.66 मीटर पहुंच गया था। 6 दिन बाद 19 जुलाई को सुबह पांच बजे यमुना का जलस्तर फिर से खतरे के निशान के नीचे 205.22 मीटर पर आया। लेकिन 6 बजे से इसका जलस्तर फिर बढ़ने लगा।

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