भुवनेश्वर, कोरोना की दूसरी लहर में भारी तबाही देखने के बाद अब तीसरी लहर की आहट भी डराने लगी है. तमाम राज्य सरकारें समय से पहले तैयारी करना चाहती हैं. इसी कड़ी में ओडिशा की पटनायक सरकार ने भी पूरी तैयारी कर ली है. उनकी तरफ से एक रणनीति तैयार की गई है जिसकी मदद से तीसरी लहर से प्रभावी अंदाज में लड़ा जाएगा.
बताया जा रहा है कि ओडिशा में अब सभी बच्चों का RT-PCR टेस्ट करने की योजना है. साथ ही बच्चों में कोरोना संबंधित मामलों को देखभाल के लिए जिला स्तरीय टास्क फॉर्स का गठन करने का निर्णय लिया गया है. वहीं तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए डॉक्टर और नर्स को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक प्रदेश के अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले बच्चों का RT-PCR टेस्ट करवाया जाएगा. इस योजना से केवल बच्चों में कोरोना संक्रमण की गंभीरता को ही नहीं बल्कि उम्र के हिसाब से संक्रमण की पहचान की जाएगी.
विज्ञप्ति में स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को जिले के अस्पतालों में स्वाब टेस्ट संग्रह करने की सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया है. साथ ही जिले में तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने का आदेश दिया गया है.
सुत्रों के मुताबिक, राज्य में 18 वर्ष से कम आयु के लोगों की 1.4 करोड़ आबादी है. जिन्हें अभी तक कोविड-19 टीकाकरण से वंचित रखा गया है. राज्य के तीन जिलों में ICMR द्वारा किए गए राष्ट्रीय सीरी सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक SARS-CoV 2 के खिलाफ 10 से 17 वर्ष के आयु वर्ग के बीच बच्चों में 55 प्रतिशत एंटीबॉडी विकसित हुई हैं. वहीं 6 से 9 वर्ष के आयु वर्ग के बीच बच्चों में 52 प्रतिशत एंटीबॉडी विकसित हो गई हैं.
कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर अस्पतालों में 50 प्रतिशत ICU, PICU, NICU बेड को खाली रहने का निर्देश दिया गया है. साथ ही राज्य के पांच नगर निगम में जरूरत पड़ने पर बच्चों के लिए PPP मॉडल आधारित कोविड-19 अस्पताल तैयार किया जाएगा. वहीं प्रदेश के सभी जिलों में इस महीने के आखिर तक RT-PCR लैब को तैयार किया जाएगा.
बता दें कि राज्य में अब तक 9,92,375 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. जिसमें 9,74,756 कोरोना के मरीजों को ठीक होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. वहीं प्रदेश में कोरोना के कारण 6,757 लोगों की मौत हुई है.