लखनऊ विश्वविद्यालय में अब ग्रेजुएशन बीच में छोड़ने पर मिलेगा डिप्लोमा सर्टिफकेट

लखनऊ, . लखनऊ विश्वविद्यालय नए शैक्षणिक सत्र से एक अहम बदलाव करने जा रहा है. शैक्षणिक सत्र 2021-22 में चार वर्षीय पाठ्यक्रम में एडमिशन लेने वाले छात्र किसी भी कोर्स की पढ़ाई बीच में छोड़कर दूसरे कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे. यह बदलाव नई शिक्षा नीति के अंतर्गत किया गया है. लाइव हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेजुएशन का छात्र यदि फर्स्ट ईयर के बाद पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे एक वर्षीय डिप्लोमा का सर्टिफिकेट दिया जाएगा. साथ ही छात्र किसी अन्य कोर्स में प्रवेश ले सकेगा. लखनऊ विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति के तहत इस अहम बदलाव को चार वर्षीय पाठ्यक्रम में लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

लखनऊ विश्वविद्यालय के चार वर्षीय ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम में इस बदलाव की कार्यवाही पिछले एक सप्ताह से चल रही थी।

अब यूनिफॉर्म क्रेडिट आधारित एक पाठ्यक्रम सभी विभागों में तैयार कर लिया गया है. रिपोर्ट के अनुसार पाठ्यक्रम कुल 192 क्रेडिट का होगा. छात्रों को हर वर्ष के अंत में पाठ्यक्रम छोड़कर जाने की अनुमति होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को विषयों में अंत: विभागीय और अंतर विभागीय विकल्प दिए जाएंगे. साथ ही करिकुलम कोर्स और वोकेशनल कोर्स भी उपलब्ध होंगे. चार वर्ष के पाठ्यक्रम में छात्र मेजन-1, मेजर-2, करिकुलम कोर्स और वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई करेंगे. सभी पेपर चार क्रेडिट के होंगे. मेजर वन- 1 में कुल 20 पेपर होंगे।


रिपोर्ट के अनुसार तीसरे और चौथे सेमेस्टर में भी मेजर-1 और मेजर-2 के दो-दो पेपर होंगे. जबकि एक माइनर का पेपर और एक करिकुलम कोर्स व एक वोकेशनल कोर्स का पेपर होगा. तीन सा की पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद छात्र को ग्रेजुएशन की डिग्री मिल जाएगी।

बदलाव के बाद ग्रेजुएशन के चौथे साल के सातवें सेमेस्टर में छात्रों को शोध के सिद्धांतों के बारे में पढ़ाया जाएगा. इसके लिए रिसर्च मेथाडोलॉजी पेपर होगा. इसके अलावा छात्र पांच पेपर और पढ़ेंगे. आठवें सेमेस्टर में छात्रों को एक मेजर प्रोजेक्ट पूरा करना होगा. जो 24 क्रेडिट का होगा. इन दोनों सेमेस्टर के बाद छात्रों को बैचलर विद रिसर्च की डिग्री मिलेगी.

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