देश की राजधानी दिल्ली में अब होंगे 13 जिले, जानिए परिसीमन से बढ़ जाएंगी किसकी शक्तियां

नई दिल्ली, देश की राजधानी दिल्ली में अब 11 की जगह 13 जिले होंगे। सरकार ने दो नए जिले बढ़ाने का फैसला किया है। नए जिले नगर निगम के जोन की सीमाओं के हिसाब से तय किए गए हैं। इससे जिलों की सीमाएं भी बदल जाएंगी।

आधिकारिक सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सामने बीते सप्ताह इसकी प्रस्तुति दी जा चुकी है। कैबिनेट की मुहर जल्द लग सकती है। सरकार ने मौजूदा 11 जिलों को खत्म कर एमसीडी के 12 जोन को 12 जिले और दिल्ली छावनी बोर्ड एवं एनडीएमसी की सीमा क्षेत्र को मिलाकर 13वां जिला बनाने का फैसला किया है।

इसलिए लिया फैसला

सरकार ने प्रशासनिक सुधार और विभागों के बीच बेहतर समन्वय के लिए यह फैसला किया है। अभी एक ही जिले में दो अलग-अलग एमसीडी जोन की सीमाएं पड़ती हैं, इससे जिले में किसी विकास के कामों को लेकर सीमा विवाद के साथ समन्वय में भी समस्याएं आती हैं। इसी के चलते सरकार ने तय किया है कि एमसीडी जोन को जिले में तब्दील किया जाएगा। उसकी मौजूदा सीमा ही जिले की सीमा होगी। अधिकारियों ने बताया कि अभी 11 जिलों में कुल 33 सब डिवीजन हैं। बदलाव के बाद सब डिवीजन की संख्या बढ़कर 39 हो जाएगी।

एमसीडी जोन को ही जिला घोषित करने के बाद दो नए जिले बनने पर मौजूदा जिलों के नाम भी बदलेंगे। उसके भूगोल में बदलाव होगा। जैसे मौजूदा शाहदरा जिला खत्म हो सकता है। दक्षिण, दक्षिण-पूर्व जिले में एक जिला खत्म होगा। इसी तरह बाहरी दिल्ली के दक्षिण पश्चिम, उत्तर-पश्चिम जिले के नाम भी बदल सकते हैं।

डीएम की बढ़ जाएंगी शक्तियां

दिल्ली में नए जिलों के गठन के साथ ही डीएम (जिलाधिकारी) के पास दूसरे राज्यों के जिलाधिकारी की तरह शक्तियां हो जाएंगी। साथ ही स्थानीय लोगों को विभागों की शिकायतों और कार्यों के लिए अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

दरअसल, एमसीडी जोन को जिले में तब्दील करने और दो नए जिले बढ़ने के बाद एमसीडी जोन के डीसी, पीडब्ल्यूडी, जल बोर्ड, समाज कल्याण विभाग समेत अन्य विभागों के नोडल अधिकारी डीएम कार्यालय में बैठेंगे। इससे डीएम के पास शक्तियां होंगी कि वह उनके साथ समन्वय बनाकर लोगों की शिकायतों का निपटारा कर सकें। जनसुनवाई या फिर शिकायत पेटिका में आने वाली शिकायतों पर भी नोडल अधिकारियों से डीएम रिपोर्ट मांग सकेंगे। एमसीडी जोन, पीडब्ल्यूडी, जल बोर्ड और डीएम की सीमाएं एक होने से सीमा विवाद भी नहीं रहेगा। विभागों के पास यह बहाना नहीं रहेगा कि वह दूसरे के सीमा क्षेत्र में आता है।

पहले भी बढ़ाए गए हैं जिले

यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली में जिलों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इससे पहले वर्ष 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दिल्ली में दो नए जिले बनाए थे। वर्ष 2012 से पहले दिल्ली में राजस्व के कुल नौ जिले होते थे, लेकिन यमुनापार में शाहदरा और दक्षिणी दिल्ली में दक्षिणी-पूर्व दो नए जिलों का गठन किया गया था। उस समय भी विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए यह फैसला किया गया था।

ऐसे समझें कैसे होगा बदलाव

दिल्ली के जिला प्रशासनिक ढांचे में इससे बदलाव आएगा। वर्तमान में यमुनापार में राजस्व विभाग के तीन पूर्वी, उत्तर-पूर्वी व शाहदरा जिला मौजूद है। जबकि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के दो जो शाहदरा साउथ व शाहदरा नार्थ जोन है। अब तीन जिलों के बजाए शाहदरा साउथ व शाहदरा नार्थ ही जिला होगा तो यमुना में सिर्फ दो जिले ही बचेंगे।

इसी तरह अभी नई दिल्ली जिले में करोल बाग, दिल्ली छावनी बोर्ड, एनडीएमसी सब आता है लेकिन अब दिल्ली छावनी बोर्ड व एनडीएमसी नया जिला बनेगा। करोल बाग जो खुद एमसीडी का जोन है। इस निर्णय के बाद वह नया जिला बनेगा। दिल्ली सरकार की इस पहल से लोगों को काफी आसानी होगी। उन्हें अपने कार्य के लिए कई दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इससे उनका समय भी बचेगा।

क्यों करना पड़ा बदलाव?

विभागों के बीच खराब समन्वय के कारण जमीनी स्तर पर निगरानी में दिक्कतें आ रही थी। सरकार शक्तियों का विकेंद्रीकरण चाहती है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता कई बार डीएम कार्यालय को मिनी सचिवालय की तर्ज पर विकसित करने की बात कह चुकी हैं। अभी पीडब्ल्यूडी, जल बोर्ड, समाज कल्याण विभाग समेत अन्य विभागों के अधिकारी डीएम के प्रति कोई जवाबदेह नहीं होते हैं। मगर अब ऐसा नहीं होगा। अब इन विभागों को जिलाधिकारी को रिपोर्ट देनी होगी। इससे कार्य तेजी से होंगे।

एमसीडी के 12 जोन जो बनेंगे नए जिले

1. मध्य

2. दक्षिणी

3. पश्चिमी

4. नजफगढ़

5. रोहिणी

6. सिविल लाइंस

7. करोल बाग

8. एसपी-सिटी

9. केशवपुरम

10. नरेला

11. शाहदरा नॉर्थ

12. शाहदरा साउथ

13. दिल्ली छावनी बोर्ड व एनडीएमसी

यह कार्य बहुत पहले हो जाना चाहिए था

दिल्ली में एमसीडी जोन व जिले की सीमा एक करना एक सकारात्मक कदम है। यह बहुत पहले होना चाहिए था, लेकिन जब हो रहा है तो उसे ही शुरुआत माना जाए। शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थी उस समय प्रशासनिक ढांचे में बदलाव को एक कमेटी मेरे चेयरमैनशिप में बनी थी। उस समय भी हमने यह सिफारिश की थी कि डीएम, एमसीडी जोन व दिल्ली पुलिस के एक ही जिले होने चाहिए। इससे बेहतर समन्वय होगा। तब वह किसी कारण वश लागू नहीं हो पाया है। अब जब यह हो रहा है तो यह विकास कार्यों में तेजी लाएगा। दिल्सी लरकार के विभागों के बीच बेहतर समन्वय होगा। अगर इसके साथ पुलिस के जिलों को भी जोड़ दिया जाए तो और बेहतर होगा। सरकार की इस पहल से लोगों को काफी आसानी होगी।

संपत्ति पंजीकरण की सीमा बदलेगी

दिल्ली में नए जिलों के गठन के बाद कामकाज को लेकर बदलाव दिखेगा। मसलन, अब प्रमाण पत्र बनवाने, संपत्ति पंजीकरण, सब रजिस्ट्रार कार्यालयों की सीमाएं भी बदलेगी। लोग अपने-अपने जिले की सीमा के हिसाब से काम कराएंगे। अधिकारियों ने कहा कि इसे लेकर एक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा, जिससे कि लोगों को इसके बारे में जानकारी मिल सके और उनका कार्य जल्द हो सके।

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