लखनऊ, उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए योगी सरकार ने सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और एक नई पहल की शुरुआत की है। इसी कड़ी में लखनऊ में 26 जनवरी, 2025 से “नो हेलमेट नो पेट्रोल” नियम लागू करने की तैयारी हो रही है।
इस नियम के तहत, पेट्रोल पंपों पर केवल उन्हीं दोपहिया वाहनों को पेट्रोल दिया जाएगा, जिन पर सवार दोनों लोग हेलमेट पहने हुए होंगे। यह कदम सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
लखनऊ में नए नियम की शुरुआत
लखनऊ, जो उत्तर प्रदेश की राजधानी है, में इस नियम को 26 जनवरी से लागू किया जाएगा। इसके तहत, पेट्रोल पंप मालिकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे केवल उन्हीं बाइक और स्कूटर चालकों को पेट्रोल प्रदान करें, जिनकी सवारी ने हेलमेट पहन रखा हो। यह कदम सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और हेलमेट के महत्व को समझाने के लिए उठाया गया है।
लखनऊ के जिलाधिकारी (डीएम) सूर्यपाल गंगवार ने इस संबंध में एक पत्र जारी कर पेट्रोल पंप मालिकों को निर्देश दिए हैं कि वे अगले सात दिनों में अपने परिसर में “नो हेलमेट नो पेट्रोल” के बारे में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए। यह होर्डिंग्स लोगों को इस नियम के प्रति जागरूक करने के लिए होंगे। इसके साथ ही, डीएम ने पेट्रोल पंपों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी आदेश दिया है ताकि कोई विवाद होने पर उसकी जांच की जा सके और सही कार्रवाई की जा सके। सीसीटीवी कैमरे यह सुनिश्चित करेंगे कि नियम का पालन कड़ाई से किया जाए और कोई अनुशासनहीनता न हो।
सड़क सुरक्षा और जागरूकता का उद्देश्य
यह कदम सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए है। हेलमेट पहने बिना वाहन चलाना न केवल खुद के लिए बल्कि दूसरों के लिए भी खतरा उत्पन्न करता है। आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में लगातार सड़क दुर्घटनाओं की घटनाओं में वृद्धि हो रही है, जिनमें अधिकतर दोपहिया वाहन चालक होते हैं, जिनमें से अधिकांश बिना हेलमेट के यात्रा कर रहे होते हैं। हेलमेट सुरक्षा की पहली कड़ी है, और सरकार चाहती है कि लोग इसका पालन करें ताकि दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाई जा सके।
इस पहल को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया मिलीजुली रही है। एक ओर, कई लोग इस कदम को सराहते हुए इसे दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए आवश्यक मानते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे परेशान करने वाला भी मान रहे हैं। फिर भी, अधिकतर लोग यह मानते हैं कि सड़क पर सुरक्षित रहने के लिए यह कदम जरूरी है। यह नियम जल्द ही पूरे राज्य में लागू किया जा सकता हैं।