भोपाल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में खुले में बिना अनुमति मांस तथा मछली का विक्रय प्रतिबंधित किया जायेगा। इसके संबंध में 15 दिसम्बर से सभी नगरीय निकायों में मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम-1956 के प्रावधानों के तहत विशेष अभियान चलाया जाएगा।
प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में सामान्यत: किसी भी प्रकार के व्यवसाय, दुकान, बाजार या रेहड़ी आदि लगाने के लिए नगरीय निकायों द्वारा मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम-1956 एवं अन्य सुसंगत अधिनियमों के अंतर्गत अनुज्ञा/अनुमति/अनापत्ति प्रदान की जाती हैं। विशेष रूप से किसी भी प्रकार के मांस एवं मछली के विक्रय के लिए नगरीय विकास विभाग के अधिनियमों के अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के प्रावधान लागू होते हैं। इसके अंतर्गत जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा मांस एवं मछली के विक्रय के संबंध में अतिरिक्त शर्तें लगाई जाती हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत मांस एवं मछली के विक्रय के समस्त प्रतिष्ठानों में अपारदर्शी कांच/दरवाजा एवं साफ-सफाई की सम्पूर्ण व्यवस्था होना अनिवार्य है।
इसके साथ ही किसी भी धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार के सामने 100 मीटर की दूरी के भीतर उक्त सामग्री का विक्रय या प्रदर्शन प्रतिबंधित है। सभी जिला कलेक्टर्स, नगरीय निकायों के आयुक्तों और मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को अधिनियमों/नियमों एवं लायसेंस की शर्तों का पालन कड़ाई से कराने के निर्देश दिए गए हैं। सभी निकाय क्षेत्रों में आगामी 15 दिवस तक अतिक्रमण निरोधी दस्ते तथा स्वास्थ्य अमले के अतिरिक्त जिला एवं पुलिस प्रशासन विशेष अभियान चलाएगा। यह अभियान 15 दिसम्बर से प्रारंभ होकर 31 दिसम्बर तक निरंतर चलाया जाएगा। अभियान की राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए गए हैं।