अब UP विधानसभा में गूंजेगी भोजपुरी भाषा! Yogi ने दिया शास्त्रीय भाषा का दर्जा, जानें क्या है इसका इतिहास

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में भोजपुरी भाषा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। बता दें कि योगी सरकार ने भोजपुरी भाषा को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा देने के साथ-साथ विधानसभा में मान्यता भी दे दी है, जिसके बाद इब से UP के विधानसभा में भी भोजपुरी भाषा की गूंज सुनाई देगी।विधानसभा में जब समाजवादी पार्टी ने सीएम योगी की इस बात का विरोध किया तो सीएम योगी ने उन्हें जमकर फटकारा। भोजपुरी भाषा आज दुनिया के कई देशों में बोली जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस भाषा की उत्पत्ति कहां से हुई और इसका इतिहास क्या है?

चलिए जानते हैं भोजपुरी भाषा की शुरूआत कैसे हुई… जानें, क्या है भोजपुरी भाषा का इतिहास भोजपुरी भाषा उन भाषाओं में से है, जो एक हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है भाषाओं में से एक है। भोजपुरी एक पूर्वी इंडो-आर्यन भाषा है, जो बिहार के भोजपुर क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में सबसे ज्यादा बोली जाती है। इतिहास से मिली जानकारी के मुताबिक, मध्यकाल में मध्य प्रदेश के उज्जैन से आए भोजवंशी परमार राजाओं ने बक्सर में भोजपुर गांव बसाया था।

भोजपुरी भाषा (भोजपुरी भाषा का इतिहास) पश्चिमी बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के उत्तर-पूर्वी भाग और नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाती नेपाल, फिजी और मॉरीशस जैसे देशों में भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता प्राप्त है। यह तो आप सभी लोग जानते है कि भोजपुरी भाषा दुनिया में बहुत तेजी के साथ लोगों में फैल रही है। हर किसी व्यक्ति पर भोजपुरी भाषा का रंग इस कदर चढ़ा है कि लोग हंसी मजाक के साथ भी इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।

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