नई दिल्ली, साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है. स्कैमर्स लोगों को टारगेट करने के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. ये हैकर्स मरने के बाद भी लोगों को नहीं छोड़ रहे हैं. दरअसल, स्कैमर्स का नया टारगेट ही मरे हुए लोग हैं. इस तरह के हैकर्स को Ghost hacker (भुतहा हैकर) नाम दिया गया है.
वैसे तो स्कैमर्स कई तरह से लोगों को निशाना बना रहे हैं, लेकिन ये तरीका नया है और इन दिनों चलन में है. इसके लिए हैकर्स सोशल मीडिया पर नजर रखते हैं और किसी की मौत की खबर आते ही एक्टिव हो जाते हैं. आइए जानते हैं हैकर्स इस पूरी कहानी को कैसे अंजाम देते हैं.
कैसे काम करते हैं Ghost Hackers?
Ghost Hackers को जैसे ही किसी की मृत्यू की जानकारी होती है. ये उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स और दूसरे अकाउंट्स में सेंधमारी करने लगते हैं. इसके लिए पहले ये उस शख्स के जुड़ी तमाम जानकारियां इकट्ठा करते हैं. मसलन उसके सोशल मीडिया को खंगाल कर तमाम डिटेल्स इकट्ठा करते हैं.
इसके बाद ये सेंधमारी के लिए अपने पुराने हतकंडे अपनाते हैं. सोशल इंजीनियरिंग समेत दूसरे तरीकों का इस्तेमाल करके किसी के अकाउंट में सेंध लगाते हैं. इसके अलावा ये कमजोर पासवर्ड्स को क्रैक करने, सिक्योरिटी सवालों का जवाब देकर पासवर्ड रिसेट करने की कोशिश करते हैं.
एक बार जब इन्हें किसी के अकाउंट का एक्सेस मिल जाता है, तो उसके बाद ये कई क्राइम को अंजाम देते हैं. चूंकि इन स्कैमर्स का अंतिम टारगेट पैसा कमाना होता है. इसलिए वे किसी अकाउंट का एक्सेस मिलने के बाद उसी दिशा में काम करते हैं. उस अकाउंट से Spam भेजकर या फिर उनकी चैट्स का फायदा उठा सकते हैं.
क्या कर सकते हैं आप?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स मृत लोगों के अकाउंट को मैनेज करने का विकल्प देते हैं. मसलन फेसबुक पर कोई यूजर ये तय कर सकता है कि उसकी मृत्यू के बाद उसके अकाउंट का क्या होगा. उसे कौन मैनेज कर सकता है या फिर उसकी प्रोफाइल डिएक्टिवेट हो जाएगा.
सिर्फ फेसबुक ही नहीं ऐसे फीचर इंस्टाग्राम और X पर भी मिलते हैं. इन सभी प्लेटफॉर्म्स पर आपको सेटिंग में जाकर इस सेटिंग को ऑन कर देना चाहिए. आपको Memorialization के ऑप्शन पर जाकर लेगेसी अकाउंट का चयन करना होगा.