उत्तर प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में होने जा रहे हैं नए प्रयोग, सख्ती से लागू होंगे नए दिशा निर्देश

लखनऊ, यूपी बोर्ड की इस साल की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को बेहतर करने की कवायद अभी से शुरू की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग आगामी 2025 की यूपी बोर्ड परीक्षा में सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों के रिजल्ट में सुधार के लिए कमर कस ली है।

इसके तहत सभी जिलों में ऐसे एक-एक राजकीय, एडेड और वित्त विहीन स्कूल को सूचीबद्ध किया जाएगा जिसका परिणाम सबसे अच्छा होगा। फिर यहां के प्राचार्य दूसरे स्कूलों को रिजल्ट में सुधार का गुरुमंत्र देंगे।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव की ओर से बुधवार को इस संबंध में निर्देश जारी कर कहा गया है कि श्रेष्ठ रिजल्ट देने वाले स्कूलों के प्राचार्यों की फिसड्डी स्कूलों के प्राचार्यों के साथ नियमित बैठकें कराई जाएं। नियमित संवाद होने से अच्छे विद्यालयों के नव प्रयोगों को आसानी से दूसरे विद्यालयों में लागू कराया जाएगा। विद्यार्थियों को पढ़ाने में शिक्षक किस तरह की ट्रिक अपनाते हैं। किस तरह विद्यार्थियों को तनाव मुक्त माहौल देकर पढ़ाया जा रहा है, यह सबकुछ उन्हें बताया जाएगा।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से इस बात पर सख्त नाराजगी जताई गई है कि कई जिलों में राजकीय स्कूलों में 50 प्रतिशत से भी कम विद्यार्थी पास हुए हैं। ऐसे में श्रेष्ठ विद्यालयों के नए प्रयोगों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

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