फ़रीदाबाद, दिल्ली से सटे फरीदाबाद में ठगी का बिल्कुल अलग मामला सामने आया है। यहां एक निजी यूनिवर्सिटी चलाने वाले शख्स का फोन पुलिस के पास आता है। वह पुलिस को बताता है कि वह अभी जिंदा है, लेकिन बीमा कंपनी के सामने उसे मृत घोषित कर दिया गया है। पुलिस भी ये सुनकर चौंक जाती है और तफ्तीश शुरू करती है। जांच में आरोप सही पाए जाते हैं। इतना ही नहीं ठगी का प्लान बनाने वालों ने पीड़िता की पत्नी के नाम पर एचडीएफसी बैंक में अकाउंट भी खुलवा लिया था।
पीड़ित ने अपने नाम पर 10 करोड़ रुपए की बीमा पॉलिसी करवा रखी थी। पीएनबी मेट लाइफ की इस पॉलिसी में पीड़ित का डेथ सर्टिफिकेट दे दिया जाता है। आरोपियों ने पीड़ित की पत्नी के नाम पर नकली बैंक अकाउंट भी खोल लिया था, जिससे बीमा की राशि पाई जा सके।
क्योंकि इसमें नॉमिनी उसकी पत्नी ही थी। इसलिए ये राशि उसकी पत्नी के नाम पर मिलती जिसे वह बैंक अकाउंट में डाल लेते। लेकिन समय रहते इसका पर्दाफाश हो गया।
पुलिस को जांच में पता चला कि आरोपी पहले ही पीड़िता की पत्नी की बैंक डिटेल हासिल कर चुका था। इस मामले में शामिल तीन आरोपी नीतीश कुमार, रजनीकांत कुमार, दुर्गेश और नवल किशोर की पहचान हुई है। आरोपियों के पास पहले से ही पीड़ित की सारी डिटेल थी क्योंकि कुछ लोग पहले पीएनबी मेट लाइफ में ही नौकरी करते थे। इसके बाद उन्होंने नकली कागज बनवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। ऐसे उन्होंने सभी नकली दस्तावेज की एक फाइल तैयार कर ली थी।
हालांकि अभी पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनके साथ और कौन-कौन लोग मिले हुए थे। क्योंकि इतने सारे नकली दस्तावेज बनाने में जरूर उनका कई अन्य लोगों ने भी साथ दिया होगा। दरअसल उनका पूरा उद्देश्य पीड़ित को मृत घोषित करके पूरी धन राशि हड़पने का था। पुलिस को अब शक है कि ये उनकी कोई पहली वारदात नहीं होगी। वह पहले ही ऐसी ही घटनाओं को अंजाम दे चुके होंगे।