‘मेरे पति के साथ अपराधी जैसा व्यवहार, गिरफ्तारी के बाद और क्या बोलीं सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि?

लेह,लद्दाख के सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसा के बाद यह एक्शन लिया गया है. उन्हें 2:30 बजे निर्धारित प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया.

वांगचुक को शुक्रवार को लेह पुलिस ने गिरफ्तार किया, जिससे व्यापक प्रतिक्रियाएं सामने आईं और चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर चिंताएं बढ़ गईं हैं. वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है, लेकिन अभी तक जेल नहीं भेजा गया है.

एक दिन पहले NGO का FCRA लाइसेंस किया गया था रद्द
सोनम वांगचुक की गैर-लाभकारी संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए (FCRA), 2010 के तहत विदेशी चंदा लेने का रजिस्ट्रेशन गृह मंत्रालय ने गुरुवार को रद्द कर दिया था. गौरतलब है कि लद्दाख में बीते 24 सितंबर को हिंसक प्रदर्शन हुआ था. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों को और बीजेपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया था. इस हिंसा में 4 लोगों की जान चली गई थी जबकि 70 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

वांगचुक का जवाब
वांगचुक ने लद्दाख में हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए गृह मंत्रालय द्वारा उन्हें जिम्मेदार ठहराए जाने को ‘बलि का बकरा’ बनाने की रणनीति बताते हुए गुरुवार को कहा था कि इसका उद्देश्य हिमालयी क्षेत्र की मूल समस्याओं से निपटने से बचना है. वांगचुक ने आगे कहा कि वह कड़े जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत गिरफ्तारी के लिए तैयार हैं. वांगचुक ने कहा था कि ये कहना कि यह (हिंसा) मेरे या कांग्रेस द्वारा भड़काई गई थी, समस्या के मूल से निपटने के बजाय बलि का बकरा ढूंढ़ने जैसा है, और इससे कोई हल नहीं निकलेगा.’

न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से बातचीत में वांगचुक ने कहा था, ‘वे किसी को बलि का बकरा बनाने की चालाकी कर सकते हैं, लेकिन वे बुद्धिमान नहीं हैं. इस समय, हम सभी को ‘चतुराई’ की बजाय बुद्धिमत्ता की आवश्यकता है, क्योंकि युवा पहले से ही निराश हैं.’ जलवायु कार्यकर्ता ने कहा, ‘मैं देख रहा हूं कि वे कुछ ऐसा मामला बना रहे हैं, ताकि मुझे जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार करके दो साल के लिए जेल में डाल सकें. मैं इसके लिए तैयार हूं, लेकिन सोनम वांगचुक को आजाद रखने के बजाय जेल में डालने से समस्याएं और बढ़ सकती हैं.’

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी की उनकी पत्नी गीतांजलि अंग्मो ने कड़ी निंदा की। अंग्मो ने प्रशासन पर बिना किसी कारण उनके पति के साथ अपराधी जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया

अंग्मो ने कहा कि सरकार मेरे पति की छवि खराब करने के लिए झूठी बातें फैला रही है।

यह लोकतंत्र का सबसे खराब रूप है…बिना किसी कारण के उन्हें बस एक अपराधी की तरह गिरफ्तार कर ले जाया गया है। पुलिस ने इस दौरान हमारे घर में तलाशी की आड़ में तोड़फोड़ भी की। मेरे पति को राष्ट्रविरोधी बताया जा रहा है। उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं, उन्होंने देश का नाम रोशन किया है। अंग्मो, सोनम की संस्था हिमालयन इंस्टीट्यूट आफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (एचआइएएल) की सह-संस्थापक भी हैं।

28-29 सितंबर को होगा मृतकों का अंतिम संस्कार

केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ बातचीत को लेकर लेह अपेक्स बाडी (एलएबी) के सह संयोजक शेरिंग दोरजे ने शुक्रवार को कहा कि हम हमेशा बातचीत के पक्षधर रहे हैं।

केंद्र सरकार ही बातचीत से पीछे हटती रही है। इसलिए तो यहां हमें भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा। हिंसा के दौरान पुलिस फायरिंग में मारे गए लोगों का संस्कार 28-29 सितंबर को होगा। उसके बाद ही हम दिल्ली जाने को लेकर कोई फैसला लेंगे।

बता दें कि दिल्ली जाने के लिए एलएबी के पैनल में कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के असगर अली करबलाई, कमर अली अखून, सज्जाद करगिली, लेह से थुप्सतान छेवांग, शेरिंग दोरजे, अशरफ अली बारचा के अलावा लद्दाख के सांसद हाजी हनीफा जान शामिल हैं।

लेह में पत्रकारों से दोरजे ने कहा कि हमारे आंदोलन में कोई विदेशी हाथ नहीं है, यह दुष्प्रचार किया जा रहा है। हमारा आंदोलन स्थानीय है।

‘सुरक्षाबलों ने नहीं दी चेतावनी’

उन्होंने कहा कि सुरक्षाबल ने बिना किसी चेतावनी के गोली चलाई है। उन्होंने दावा किया कि जितने भी लोग जख्मी हैं, उनमें से 95 प्रतिशत गोली या पैलैट लगने से जख्मी हुए हैं। डोडा, नेपाल, बिहार, तिब्बत के लोग जो वहां सड़क के आसपास खड़े थे, वे भी जख्मी हैं। उनके आधार पर कहा जा रहा है कि वे आंदोलन में शामिल थे और उन्होंने हिंसा फैलाई, जो गलत है। उपराज्यपाल ने भी ऐसा ही कहा है, जो गलत है।

लेह में पत्रकारों से बातचीत में दोरजे ने कहा कि अगर यहां विदेशी हाथ है, विदेशी फंडिंग है, तो यहां जो हमारी खुफिया एजेंसियां हैं, वह क्या कर रही थीं, जो इन्हें अब पता चला। यह हमारे आंदोलन को बदनाम करने और सरकार की अपनी विफलता छिपाने का एक बहाना है।

सोनम वांगचुक को विदेशी फंडिंग के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि वह पिछले कई साल से काम कर रहे हैं और विभिन्न संस्थानों से उन्हें वित्तीय मदद मिलती है।

तब किसी ने उन पर सवाल नहीं उठाया और जबसे वह हमारे आंदोलन के समर्थक बने हैं, तभी से उनपर सवाल उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे आंदोलन को कुछ लोग राष्ट्रविरोधी बता रहे हैं, जो अनुचित है। यहां कोई राष्ट्रविरोधी नहीं है। जो हिंसा हुई, वह युवाओं में लगातार बढ़ रहे आक्रोष का नतीजा है।

तय था, सोनम को गिरफ्तार किया जाएगा : उमर अब्दुल्ला

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर कोई हैरानी नहीं हुई है। केंद्र सरकार और भाजपा जिस तरह से सोनम को निशाना बना रही थी, उससे तय था कि आज नहीं तो कल, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा लिया, लेकिन उनसे किए गए वादे पूरे नहीं हुए। मुझे नहीं पता कि केंद्र सरकार किस दबाव में है।

सोनम ने सच बोलने की कीमत चुकाई : महबूबा मुफ्ती

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने एक्स हैंडल पर लिखा कि सोनम की गिरफ्तारी बहुत चिंताजनक है। शांति, स्थिरता और सच्चाई के लिए हमेशा लड़ने वाले व्यक्ति को सिर्फ वादे पूरे करने की मांग करने के लिए सजा दी जा रही है।

सोनम ने सच बोलने की कीमत चुकाई है। आज लेह में कर्फ्यू है और इंटरनेट बंद है, यह कश्मीर में लंबे समय से हो रही घटनाओं की एक दुखद याद दिलाता है।

गिरफ्तारी सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा : मोहम्मद रमजान

एलएबी के एक घटक अंजुमन-ए-मोइनुल इस्लाम के उपाध्यक्ष मोहम्मद रमजान ने कहा कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा है।

पहले उन्हें बदानाम किया गया, फिर उन पर विदेश से चंदा लेने का आरोप लगाया गया और आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वह ऐसे नेता हैं, जो गांधीवादी जीवनशैली का पालन करते हैं और भारत के संविधान में दृढ़ विश्वास रखते हैं। वह भूख हड़ताल से शांतिपूर्वक आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे और लेह से दिल्ली तक पैदल मार्च भी किया था।

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