गोरखपुर, गोरखपुर पुलिस ने तीन माह बच्चे के अपहरण के फर्जी मामले का खुलासा किया है. हैरानी की बात यह है कि बच्चे की मां ने बेटे की अपहरण की झूठी कहानी रची थी. बताया जा रहा है कि आर्थिक तंगी से परेशान महिला ने अपने बच्चे को अपने रिश्तेदार से बेच दिया था. इसकी एवज में महिला ने 50 हजार रुपये मिले थे. हालांकि महिला का दावा है कि उसने बकायदा वकील के जरिए लिखा-पढ़ी करके बच्चे को अपने रिश्तेदार को सौंपा था. पुलिस महिला के दावे की पड़ताल करने में जुटी है।
मामला गोरखनाथ थाना के रसूलपुर इलाके का है. जहां मां ने अपने ही बेटे के अपहरण की झूठी कहानी रची थी. लेकिन गोरखनाथ पुलिस ने महज दो घंटे में अपहरण की झूठी कहानी का पर्दाफाश किया है. बता दें कि सलमा खातून के पति शमशाद हसन कबाड़ काम करते हैं. परिवार में एक बेटी और तीन बेटे हैं. वहीं मोहल्ले के ही शाही सिद्दीकी जिनकी शादी को 11 साल हो चुके थे, लेकिन कोई औलाद नहीं हुई थी. इस बीच अर्शे आलम की पत्नी और शमशाद हसन की पत्नी में बच्चे को लेकर बातचीत हुई थी. जिस पर शमशाद की पत्नी अपने 3 माह के बच्चे को 50 हजार रुपये में बेचने को तैयार हो गयी।
50 हजार रुपये लेकर और कानूनी लिखापढ़ी कर के बच्चे को अर्शे आलम की पत्नी को दे दिया. महिला ने बच्चे को बेचे जाने की बात अपने पति से छिपाते हुए उन्हें बच्चे के अपहरण की झूठी कहानी सुना दी. जिससे सदमे में आये महिला के पति ने फौरन इसकी सूचना गोरखनाथ थाने को दिया. तीन माह के बच्चे के अपहरण की सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए क्राइम ब्रांच के साथ बच्चे की तलाश में जुट गयी. घटना की गम्भीरता से लेते हुए एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु भी मौके पर पहुंच गये और घटनास्थल पर पहुच कर सीसीटीवी फुटेज को चेक किया।
जिसमें पता चला कि सलमा खातून ने अपने 3 माह के बच्चे को किसी महिला को दे रही है. सलमा ने बताया कि उसको पैसे की जरूरत थी इसलिए उसने 50 हजार रुपये में बच्चे को बेचा था और पति को कुछ पता न चले इसलिए किसी महिला के द्वारा बच्चा छीनने की झूठी कहानी पति को बताई थी. एसपी सिटी सोनम कुमार ने बताया है कि सलमा को उनका बच्चा वापस मिल गया है. फिलहाल आगे की जांच जारी है, जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।