नई दिल्ली, कांगो गणराज्य में मंकीपॉक्स का कहर भीषण होता जा रहा है। कांगो के स्वास्थ्य मंत्री रोजर काम्बा ने कहा है कि कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य (डीआरसी) में मंकीपॉक्स के कारण अब तक कम से कम 610 लोगों की मौत हो गई है।
वहीं देश में अब तक 17,801 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री ने लोगों से सुरक्षात्मक उपायों को अपनाने के बारे में अपील की है और इसके साथ ही उन्होंने लोगों से टीकाकरण करवाने को कहा है।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि संदिग्ध मामले संघर्ष प्रभावित प्रांतों से सामने आ रहे हैं, जहां देश के 7.3 मिलियन आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों में से अधिकांश लोग रहते हैं, जिससे “दशकों के संघर्ष से तबाह हुई आबादी के लिए पहले से ही असहनीय स्थिति के और अधिक खराब होने का खतरा है।”
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मंकीपॉक्स (जिसे एमपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है) को लेकर एक वैश्विक रणनीति तैयार की है। जिसमें वह इस वायरस को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके लिए वह वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर काम करेगा। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडहानोम गेब्रियेसस ने कहा था, ”डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और आसपास के देशों में एमपॉक्स के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और राष्ट्रीय व स्थानीय भागीदारों, नागरिक समाज, शोधकर्ताओं और निर्माताओं और हमारे सदस्य देशों के बीच एक व्यापक और समन्वित कार्य योजना की आवश्यकता है।”
डब्ल्यूएचओ आर एंड डी ब्लूप्रिंट, अफ्रीका सीडीसी, महामारी तैयारी नवाचार गठबंधन (सेपी), और राष्ट्रीय एलर्जी और संक्रामक रोग संस्थान, 29-30 अगस्त 2024 को एक आभासी वैज्ञानिक सम्मेलन आयोजित करेगा। इसमें एमपॉक्स पर शोध कर रहे वैज्ञानिक इसे नियंत्रित करने पर चर्चा करेंगे। गौरतलब है कि एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। वर्तमान में 14 अफ्रीकी देशों में इसका प्रकोप है।