जेद्दा, भारत की महिला और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने सोमवार को विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मदीना शहर की यात्रा की। इस दौरान स्मृति ईरानी ने हिजाब नहीं पहना था।
यहां पर उन्होंने हज यात्रियों को सेवा प्रदान करने वाले भारतीय स्वयंसेवकों से मुलाकात की और भारत के उमरा तीर्थयात्रियों के साथ बातचीत की। माना जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब मदीना शहर में एक गैर मुस्लिम भारतीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा है। प्रतिनिधिमंडल में एक कश्मीरी हिंदू आईआरएस अधिकारी भी शामिल थे।
ईरानी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में लिखा, सऊदी अधिकारियों के सहयोग से आज मदीना में पैगंबर की अल मस्जिद अल नबवी, उहुद पर्वत और इस्लाम की पहली क्यूबा मस्जिद के बाहरी क्षेत्र की यात्रा की। ये सभी स्थान इस्लामी इतिहास के प्रारंभिक चरण से जुड़े हुए हैं, जो हमारे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जुड़ाव की गहराई को रेखांकित करते हैं।
मदीना की यात्रा के बाद भारतीय नेत्री ने उहुद पर्वत और क़ुबा मस्जिद का दौरा किया गया। स्मृति इरानी ने भारतीय हज यात्रियों के लिए की जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान ने साल 2021 में मदीना शहर को गैर मुस्लिमों के लिए खोला था।
Undertook a historic journey to Madinah today, one of Islam's holiest cities included a visit to the periphery of the revered Prophet's Mosque, Al Masjid Al Nabwi, the mountain of Uhud, and periphery of the Quba Mosque – the first Mosque of Islam. The significance of the visit to… pic.twitter.com/WgbUJeJTLv
— Smriti Z Irani (Modi Ka Parivar) (@smritiirani) January 8, 2024
अपने इस्लामिक कानूनों के लिए चर्चित सऊदी अरब में स्मृति ईरानी के मदीना शहर पहुंचने को ऐतिहासिक माना जा रहा है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि यह अपने आप में बहुत उल्लेखनीय और अप्रत्याशित घटनाक्रम था। मदीना में यह पहला गैर मुस्लिम प्रतिधिमंडल था जिसका इस पवित्र शहर में स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि यह भारत और सऊदी अरब के बीच बेहतरीन संबंधों को दर्शाता है।
उनकी यात्रा के दौरान, भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय हज समझौते 2024 पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते के अनुसार, भारत को 2024 हज यात्रा के लिए 1,75,025 तीर्थयात्रियों का कोटा आवंटित किया गया है।
मदीना इस्लाम धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों के लिदो सबसे पवित्र शहरों में शामिल है। मदीना ही वो जगह है, जहां पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब ने अपने जीवन के आखिरी दिन बिताए थे। यह दुनिया का दूसरा पवित्र इस्लामिक शहर है। यही से इस्लामिक कैलेंडर की शुरुआत मानी जाती है।
स्मृति इरानी अल मस्जिद अल नबवी के बाहरी दीवारों के पास तक गईं। इसके बाद वह उहूद पर्वत को भी देखने गईं। उन्होंने कूबा मस्जिद को भी देखा। उहूद पर्वत के पास भयानक लड़ाई हुई थी और कई इस्लामिक शहीदों की कब्र यहां पर है। वहीं कूबा को इस्लाम की पहली मस्जिद माना जाता है।