लखनऊ, कृष्णानगर पुलिस ने केनरा बैंक (पहले सिंडिकेट बैंक) से 45 करोड़ रुपये उड़ाने वाले गिरोह के मास्टर माइंड अमित तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है। यह रकम उत्तर प्रदेश सड़क हाइवे अथॉरिटी (उपसा) द्वारा एक साल के लिए जमा की गई थी।
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पुलिस ने इस मामले में अब तक दूसरी गिरफ्तारी की है। वहीं कुछ अन्य लोगों को हिरासत में लिया है। जिनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस के मुताबिक गिरफ्त में आया मास्टर माइंड का उत्तराखंड में फार्मा कंपनी है। पुलिस कई अन्य लोगों की कुंडली खंगाल रही है। पुलिस को आशंका है कि यह घोटाल दो सौ करोड़ रुपये से अधिक का है। कई अन्य लोगों के गिरफ्तार होने केबाद मामले का खुलासा हो सकेगा।
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प्रभारी निरीक्षक कृष्णानगर आलोक राय के मुताबिक 31 जनवरी 2021 को केनरा बैंक क्षेत्रीय कार्यालय प्रमुख मनोज कुमार मीणा ने कृष्णानगर थाने में अखिलेश कुमार के खिलाफ 45 करोड़ रुपये की हेराफेरी का केस दर्ज कराया गया था। डीसीपी मध्य ने बताया कि केनरा बैंक (पहले सिंडिकेट बैंक) के शाखा प्रबंधक अखिलेश कुमार को जालसाजों ने कम समय में मोटे मुनाफ का लालच दिया था। जालसाजों के चक्कर में पड़कर बैंक मैनेजर ने उपसा का 41.76 करोड़ रुपये जालसाजों के खाते में जमा करा दिया था। फर्जीवाड़ा कर दस्तावेज तैयार कराए। जब उपसा ने अपनी रकम वापस मांगी तो जालसाजी का खुलासा हुआ।
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प्रभारी निरीक्षक कृष्णानगर आलोक राय के मुताबिक इस मामले में बुधवार को पुलिस ने मोहनलालगंज के कैथवलियां निवासी अमित तिवारी को गिरफ्तार किया है। अमित तिवारी का उत्तराखंड के देहरादून में फार्मा कंपनी है। पूछताछ में सामने आया कि उपसा की रकम हड़पने में अमित की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है। अमित ही रकम हड़पने की साजिश रचने का मास्टर माइंड है। पड़ताल में सामने आया कि स्मारक समिति के करोड़ों रुपये हड़पने के मामले में भी अमित तिवारी की भूमिका संदिग्ध मिल रही है। इस संबंध में पूछताछ की जा रही है। इस मामले में सोमवार को केनरा बैंक के निलंबित मैनेजर अखिलेश कुमार को गिरफ्तार किया गया था। बैंक मैनेजर अखिलेश ने मास्टर माइंड अमित तिवारी के साथ मिलकर उपसा (उत्तर प्रदेश स्टेट हाईवे अथॉरिटी) द्वारा जमा किए गए 41.76 करोड़ रुपये को हेराफेरी कर दूसरे निजी फर्म के खाते में ट्रांसफर कर दिया था। पुलिस ने आरोपी बैंक मैनेजर के पास से बरामद मोबाइल, लैपटॉप की जांच शुरू की है। पुलिस के मुताबिक इस मामले में अब तक जांच में आठ लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनकी कुुंडली पुलिस खंगाल रही है। इनमें कुछ को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
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प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक उपसा का 125 करोड़ रुपये नोएडा व लखनऊ में रहने वाले जासलाजों ने हड़प लिया था। इस रकम को हड़पने के लिए फर्जीवाड़ा कर खाते खुलवाये गये थे। जिसमें बैंक मैनेजर की भूमिका रही। इस बड़े घोटाले का खुलासा एसटीएफ ने किया था। जिसमें दिल्ली, नोएडा, लखनऊ के कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं कुछ फरार चल रहे थे। जिन पर पुलिस ने इनाम भी घोषित कर दिया था। कृष्णानगर पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि 125 करोड़ रुपये हड़पने वाले गिरोह के तार जुड़े होने के साक्ष्य मिल रहे है। पुलिस इस बिंदु पर पड़ताल कर रही है। एसटीएफ ने जिन लोगों को पकड़ा था उनकेबारे में जानकारी जुटाई जा रही है। ताकि उनसे भी पूछताछ की जाए। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक इस मामले में आशंका है कि करीब 15 से 20 लोगों का गिरोह काम करता है। पुलिस हर कड़ी की तलाश में पुलिस जुटी है।
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प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक इस मामले में कुछ बैंक अधिकारियों, कर्मचारियों की डिटेल मांगी गई है। वहीं उपसा से जुड़े कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों के बारे में डिटेल जुटाई जा रही है। आशंका है कि इतने बड़े घोटाले में इन संस्थाओं के अन्य लोगों की भी भूमिका रही होगी। पुलिस हर बिंदु पर पड़ताल कर रही है।
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ताकि इस बड़े घोटाले से जुड़े सभी जालसाजों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा सके। पुलिस को आशंका है कि इस घोटाले की रकम 200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। अभी तक जो सामने आया है उसमें 125 करोड़ व 45 करोड़ रुपये उपसा का है। वहीं स्मारक समिति के 25 करोड़ रुपये के हेराफेरी में इस गिरोह का हाथ होने की आशंका है।
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