मणिपुर एक बार फिर हिंसा की चपेट में ; उग्रवादियों के हमले में नौ की मौत, 10 घायल

नई दिल्ली, हिंसा प्रभावित राज्य (मणिपुर) में एक बार फिर जनजाति मामले को लेकर हिंसा भड़क उठी. राज्य में जारी हिंसा को एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है और लड़ाई अभी भी जारी है.

इस बार राज्य के खामेन लोक इलाके के एक गांव में संदिग्ध उग्रवादियों का हमला हुआ जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गए. मणिपुर पुलिस ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने सोमवार रात करीब एक बजे इंफाल पूर्वी जिले और कांगपोकी जिले की सीमा से लगे खामेनलोक इलाके में ग्रामीणों को घेर लिया और उन पर हमला किया. इस दौरान नौ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गए.

हिंसा में घायल हुए लोगों को इंफाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों की बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में कुकी उग्रवादियों के साथ मंगलवार को भी मुठभेड़ हुई. कुकी उग्रवादी मेइती इलाकों के पास बंकर बनाने की कोशिश कर रहे थे, तभी सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की जिससे दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी हुई. इस बीच, इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट में जिला प्रशासन ने कर्फ्यू में ढील के समय को कम करते हुए उसे सुबह पांच बजे से शाम छह बजे की बजाय सुबह पांच से सुबह नौ बजे तक कर दिया है.

मणिपुर में करीब एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में अब तक 107 लोगों की मौत हुई है और 320 अन्य घायल हुए हैं. राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है. हिंसा प्रभावित मणिपुर के 16 जिलों में से 11 में अब भी कर्फ्यू लगा है जबकि पूरे पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं. बता दें 19 अप्रैल को मणिपुर उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य के मेइती समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में मणिपुर में 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा मेइतेई/मीतेई को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में आयोजित एक रैली के दौरान हिंसा हो गई थी.

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