लखनऊ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि उस ‘नीट’ अभ्यर्थी ने जाली दस्तावेज प्रस्तुत किए थे, जिसने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) उसका परिणाम घोषित करने में विफल रही और उसकी ‘ओएमआर’ उत्तर-पुस्तिका फटी हुई पाई गई.
अदालत ने कहा कि एनटीए इस मामले में कानूनी कार्रवाई कर सकती है. उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के निर्देश पर एनटीए ने छात्रा की मूल ‘ओएमआर’ उत्तर-पुस्तिका पेश की, जो सही-सलामत पाई गई. इसके बाद, अदालत ने यह टिप्पणी की. यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की अवकाशकालीन पीठ ने छात्रा आयुषी पटेल की याचिका पर पारित किया.
खारिज कर दी याचिका
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी. याचिका में मांग की गई थी कि याचिकाकर्ता की ओएमआर शीट का मूल्यांकन किया जाए, केंद्र सरकार को एनटीए के खिलाफ जांच का आदेश दिया जाए और मौजूदा याचिका के लंबित रहने तक काउंसलिंग रोकी जाए.
गौरतलब है कि नीट 2024 के नतीजों बीते कुछ दिनों से विवादों में बने हुए हैं. नीट परीक्षा देने वाली लखनऊ की आयुषी पटेल ने बीते दिनों इसके विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें उसने कहा था कि उनके नतीजों के साथ स्कैम हुआ है. पहले तो उनका नतीजा वेबसाइट पर अपलोड ही नहीं किया गया और फिर एक मेल आया और दावा किया कि उनकी ओएमआर (उत्तर पुस्तिका) शीट ही फटी हुई है.
आयुषी ने कहा था कि 4 जून को इनका रिजल्ट शो नहीं था, सारी डिटेल्स भरने के बाद वेबसाइट पर लिखा आ रहा थी कि आपका रिजल्ट जनरेट नहीं हुआ है. इसके एक घंटे बाद उनके पास NTA की ओर से मेल आया जिसमें बताया गया कि इनकी OMR शीट फटी हुई है. आयुषी का आरोप है कि उनकी OMR शीट को जानबूझकर फाड़ा गया है.