लखनऊ, जैसा की प्रशासन को आशंका थी कि विधानमंडल का सत्र शुरू होते ही दिल्ली की तरह ही राजधानी लखनऊ में भी विपक्षी पार्टियों के नेता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए ट्रैक्टर, रिक्शे और बैलगाड़ी से विधानसभा की ओर कूच कर सकते हैं। प्रशासन की आशंका सच साबित हुई और समाजवादी पार्टी और कांग्रेस नेताओं ने सड़क पर निकलकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की। पुलिस ने विधानसभा पहुंचने से पहले ही नेताओं को रोक लिया। मंगलवार से विधानसभा का सत्र हंगामे के बीच शुरू होने के कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे।
अगले साल चुनाव प्रस्तावित हैं इसलिए विपक्ष भी हर मुद़्दे को धारदार तरीके से जनता के सामने लाने की कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। प्रशासन को इस बात की भनक थी तभी रात को आदेश जारी कर दिया गया था कि विधानसभा के आसपास एककिलोमीटर के दायरे तक किसी प्रकार का धरना, प्रदर्शन और बैलगाड़ी या ट्रैक्टर का प्रवेश प्रतिबंधित होगा।
मंगलवार सुबह सबसे पहले प्रदेश कांग्रेस कार्यालय की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सब्जी ठेला और रिक्शों को लेकर विधानसभा की ओर निकले। उनके साथ एमएलसी दीपक सिंह, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, आराधना मिश्रा भी थे जो बढ़ती महंगाई के खिलाफ सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे पुलिस ने रास्ते में रोका और वापस जाने को कहा। समाजवादी पार्टी के नेता भी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे।
बाराबंकी से सपा विधायक राजेश यादव बैलगाड़ी लेकर केडी सिह बाबू स्टेडियम के पास से हजरतगंज की तरफ बढ़े। किसानों के समर्थन में नारे लगाते राजेश विधानसभा की ओर बढ़े लेकिन पुलिस ने उनको रास्ते में ही रोक लिया। विधायक बैलगाड़ी से जाने पर अड़े रहे लेकिन पुलिस ने प्रतिबंध लगा होने का हवाला देकर जाने नहीं दिया। वहीं विधानसभा के बाहर भी सपा के कई विधायकों ने महंगाई और किसानों के समर्थन में नारेबाजी की।