जानिए नाहिद इस्लाम के बारे में, जिनके कारण सत्ता से बाहर हुईं शेख हसीना

ढाका, बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन से शुरू हुई छात्रों की हिंसा अब शेख हसीना के तख्ता पलट तक जा पहुंची है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर फिर से शुरू हुए हिंसक आंदोलन में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

इस बीच बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है। वो मिलिट्री हेलीकप्टर से भारत पहुंची हैं। इधर, हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी पीएम आवास में घुसे और जमकर लूटपाट की। अपने अस्तित्व की लड़ाई जीतने के बाद पहली बार बांग्लादेश इतने बड़े संकट से जूझ रहा है।

आंदोलन के बीच हिंसा से जलते-धधकते बांग्लादेश में एक चेहरा उभरकर सामने आया है, जिसका नाम नाहिद इस्लाम? ऐसे में जानिए कौन हैं ये, जिसने शेख हसीना की सत्ता को जड़ से उखाड़ फेंका है।

हालिया छात्र आंदोलन के 157 संयोजकों में से नाहिद इस्लाम एक हैं, जिन्होंने 4 अगस्त 2024 से ‘पूर्ण अहसयोग’ आंदोलन का ऐलान किया है, जिसमें शेख हसीना और उनके मंत्रिमंडल का इस्तीफा मांगा गया था।

साथ ही नाहिद इस्लाम ही वो शख्स हैं, जिन्होंने ‘आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन’ के कन्वेनरों ने बातचीत के पीएम हसीना के न्यौते को ठुकराया। नाहिद इस्लाम ने कहा था कि आपातकाल या कर्फ्यू को कोई बांग्लादेशी स्वीकार नहीं करेगा और ना ही हम कोई बातचीत करेंगे।

जानिए कौन हैं नाहिद इस्लाम?

नाहिद इस्लाम ढाका यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट हैं। वो छात्रों के खिलाफ भेदभाव विरोधी आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वयकों में से एक हैं। उनके नेतृत्व में ही बांग्लादेश में युवाओं ने शेख हसीना सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें 10,000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।

नाहिद इस्लाम, एक 32 वर्षीय युवा नेता हैं, बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली में सुधार की मांग को विरोध प्रदर्शन का चेहरा बने।

नाहिद इस्लाम को कथित तौर पर 19 जुलाई 2024 की आधी रात को साबुजबाग के एक घर से सादे कपड़ों में कम से कम 25 लोगों ने उठाया था। उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर और हथकड़ी लगाकर उसे एक कमरे में ले जाया गया, जहां उससे छात्र आंदोलन में उसकी भागीदारी के बारे में बार-बार पूछताछ की गई और उसे प्रताड़ित किया गया।

21 जुलाई 2024 को उसे पुरबाचैल्फ़ में एक पुल के नीचे बेहोश और बुरी तरह से घायल अवस्था में छोड़ दिया गया। बाद में 26 जुलाई 2024 को, नाहिद इस्लाम को धानमंडी के गोनोशस्थया नगर अस्पताल से ले जाया गया। इसी के साथ पुलिस ने उनको अस्पताल से हिरासत में लिया। इसके बाद नाहिद से आंदोलन खत्म करने के लिए वीडियो भी बनवाया।

छात्रों के हितों में उठाई कई बार आवाज

साल 2018 में नाहिद ने बांग्लादेश में शिक्षा प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया था, जिसे 1 लाख से अधिक लोगों ने समर्थन दिया था। इतना ही नहीं साल 2020 में, उन्होंने सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए एक वीडियो जारी किया, जो कि पूरे देश में वायरल हो गया था।

आज बांग्लादेश में आंदोलन का चेहरा बने नाहिद का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ। विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान ही राजनीति में रुचि लेने लगे। नाहिद ने अपनी लड़ाई की शुरुआत सोशल मीडिया से की, जहां उन्होंने सरकार की नीतियों और कार्यों की आलोचना करने लगे। जल्द ही, उनके विचारों और संदेशों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया और वे एक प्रमुख युवा नेता के रूप में उभरे।

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