अयोध्या, राम मंदिर परिसर में तैनात प्लाटून कमांडर खुद की एके-47 से गोली चलने से गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें श्रीराम अस्पताल लाया गया, जहां से मेडिकल कॉलेज लखनऊ रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन के बाद गंभीरावस्था में उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया। हादसा मंगलवार की शाम लगभग 05:45 बजे परिसर में स्थित चौकी में हुआ है।
मूलरूप से अमेठी जिले के रहने वाले रामप्रसाद (53) पीएसी की 32वीं बटालियन के प्लाटून कमांडर के पद पर इन दिनों मंदिर परिसर की सुरक्षा में तैनात हैं। मंगलवार की शाम लगभग 05:45 बजे वह अन्य जवानों के साथ परिसर में स्थापित चौकी पर सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाले थे कि इस बीच अचानक असलहा साफ करते समय उनके ही एके-47 से अचानक गोली चल गई। गोली सीधे उनके बायीं तरफ सीने में लगी और आरपार हो गई। गोली लगने से गंभीर रूप से घायल होकर वह वहीं गिर पड़े।
साथ में तैनात अन्य जवानों ने उच्चाधिकारियों को सूचित करके उन्हें राजकीय श्रीराम अस्पताल पहुंचाया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर लगभग 06:46 बजे उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। वहां जनरल सर्जन डॉ. एसपी बंसल ने ऑपरेशन करके उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया। अभी भी कमांडो की हालत नाजुक बताई जा रही है।
प्लाटून कमांडर के ऑपरेशन के दौरान मेडिकल कॉलेज परिसर छावनी में तब्दील रहा। आईजी प्रवीण कुमार, सीआरपीएफ कमांडेंट छोटेलाल, एसएसपी राजकरन नय्यर समेत पुलिस के अन्य अधिकारी स्वयं मौजूद रहे। उनके साथ काफी संख्या में पुलिस, पीएसी व सीआरपीएफ के जवान भी डटे रहे। वहीं, ऑपरेशन के दौरान सीएमओ डॉ. संजय जैन, प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार व सीएमएस डॉ. अरविंद सिंह भी मौजूद रहे।
मंदिर परिसर के हाई सिक्योरिटी जोन में अचानक गोली चलने की आवाज से परिसर में हलचल मच गई। श्रद्धालु भी इससे भयभीत हो गए। हालांकि, अन्य जवानों ने सक्रियता दिखाकर उन्हें समझा-बुझाकर मामले से अवगत कराया, अन्यथा भगदड़ भी मच सकती थी।
सूत्रों के अनुसार मूलरूप से अमेठी निवासी प्लाटून कमांडर रामप्रसाद लगभग एक वर्ष पहले लखनऊ से अयोध्या संबद्ध किए गए थे। उनका परिवार अभी भी लखनऊ में ही रहता है। हादसे के बाद परिजनों को भी सूचित किया गया है।
आईजी, अयोध्या प्रवीण कुमार, के अनुसार अपने ही शस्त्र से गोली चलने से पीएसी के प्लाटून कमांडर रामप्रसाद घायल हो गए हैं। उन्हें मेडिकल कॉलेज से लखनऊ रेफर किया गया है। वह परिसर के भीतर बनी चौकी में अन्य जवानों के साथ तैनात थे।