शोले में मंदिर के पीछे धर्मेंद्र वाला सीन आज के दौर में लिखना संभव नहीं है : जावेद अख्तर

मुंबई, बॉलीवुड के मशहूर गीतकार, स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर ने पहले के और देश के मौजूदा हालात को लेकर कई बड़ी बातें कही हैं. जावेद अख्तर ने कहा कि सहिष्णुता हिंदुओं की वजह से ही है.  हिंदुओं ने हमेशा ही बड़ा दिल दिखाया है. वह बड़े दिलवाले रहे हैं. हिंदुओं को इसमें बदलाव नहीं करना चाहिए. इस देश में लोकतंत्र ऐसी ही चीज़ों के चलते है.

जावेद अख्तर ने कहा कि मौजूदा वक़्त में असहिष्णुता बढ़ी है, हिंदुओं को इससे बचना चाहिए. एक कार्यक्रम में जावेद अख्तर और सलीम खान भी मौजूद थे. सलीम जावेद की इस जोड़ी ने बॉलीवुड के कई बड़ी फ़िल्में लिखी हैं. इसमें शोले, जंजीर, डॉन जैसी बड़ी फ़िल्में शामिल हैं.

कार्यक्रम में जावेद अख्तर ने कहा कि “कुछ लोग ऐसे हैं जो हमेशा असहिष्णु रहे हैं. हिंदू ऐसे नहीं हैं. उनकी खासियत है कि वे उदार और बड़े दिल वाले हैं. इसे खत्म मत करो, नहीं तो आप भी दूसरों जैसे बन जाओगे..

.यह हिंदू संस्कृति है, यह सभ्यता है. इसने हमें लोकतांत्रिक दृष्टिकोण सिखाया है. इसलिए इस देश में लोकतंत्र है. यह सोचना कि हम सही हैं और बाकी सब गलत हैं, यह हिंदुओं का काम नहीं है, जिसने भी आपको यह सिखाया है वह गलत है.

हिंदुओं को इन सब चीज़ों में नहीं पड़ना चाहिए. जावेद अख्तर ने ये भी कहा कि शोले में मंदिर के पीछे धर्मेंद्र वाला सीन आज के दौर में लिखना संभव नहीं है. इतने सीन से ही तमाशा खड़ा हो जाता. हम ये सीन आज के समय में लिख ही नहीं पाते.

जावेद अख्तर ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं भगवान राम और माता सीता की भूमि पर पैदा हुआ. जावेद अख्तर ने मंच से जय सियाराम का नारा भी लगाया. और लोगों को भी बोलने को कहा. जावेद अख्तर ने कहा कि मैं नास्तिक हूं, लेकिन भगवान राम का सम्मान करता हूं.

भगवान राम हमारी संस्कृतिक विरासत हैं. सीता राम प्रेम के प्रतीक हैं, इनका नाम अलग अलग लेना भी पाप है. अगर आप सिर्फ एक का नाम लेते हैं तो सही नहीं है. ‘

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