नई दिल्ली, आपकी गाड़ी में लगा फास्टैग कहीं अधिक पुराना तो नहीं हो रहा है, अगर पुराना हो रहा है तो समय रहते आप इसे बदल दें. क्योंकि ज्यादा पुराने फास्टैग लगे वाहन से अगर आप किसी टोल प्लाजा में जाते हैं तो मान्य नहीं होगा.
वहां पर आपको सुविधा मिलने के बजाए पेनाल्टी देनी पड़ सकती है. इसलिए अगर आप गाड़ी से कहीं बाहर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो फास्टैग की वैधता जरूर जांच लें.
सड़क परिवहन मंत्रालय ने फास्टैग की एक वैधता तय कर रखी है. इस वैधता को पूरा करने के बाद टोल प्लाजा पर फास्टैग मान्य नहीं होगा. बल्कि आप का वाहन बगैर फास्टैग के माना जाएगा और आपको दोगुना टोल चुकाना पड़ सकता है. इसके साथ ही टोल प्लाजा में आपका समय भी बर्बाद हो सकता है.
नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया के अनुसार फास्टैग वैधता पांच साल रखी गई है. सड़क परिवहन मंत्रालय ने फास्टैग की शुरुआत वर्ष 2016 नवंबर से की थी. नवंबर से नए वाहनों में फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया था. यानी 2016 नवंबर से शोरूम से बिकने वाली प्रत्येक गाड़ी पर कंपनी द्वारा फास्टैग लगा कर दिया जा है. फास्टैग से पहला ट्रांजेक्शन दिसंबर के पहले सप्ताह से शुरू किया गया था. यानी अगर आपने नवंबर 2016 में गाड़ी खरीदी है तो दो दिन बाद आपकी गाड़ी में लगा फास्टैग पांच साल पुराना हो जाएगा और आपको इसे समय रहते ही बदलना होगा.
सामान्य स्थितियों में वाहन में लगे पांच साल पुराने फास्टैग को हटा कर नया ले सकते हैं. लेकिन अगर आपका फास्टैग बैंक अकाउंट से लिंक है या फास्टैग में रुपए हैं तो आपको संबंधित बैंक जाना होगा. वहां दूसरा फास्टैग लेना होगा. इसके साथ ही पुराने फास्टैग में बचे हुए रुपए को नए फास्टैग में ट्रांसफर कराना होगा और पुराने फास्टैग को नष्ट करना होगा, जिससे उसका किसी भी तरह मिस यूज न हो सके.
एनएचएआई के अनुसार फास्टैग में बहुत छोटी सी चिप लगी होती है, जो सामान्य रूप में खराब नहीं होती है. इसके बावजूद कई बार अधिक पुराने चिप में तकनीकी रूप में कोई समस्या आ सकती है. इसलिए इसकी वैधता पांच साल तक की गई है.