नई दिल्ली, आयरन लेडी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर को मनाई जाती है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी सांसद राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर शक्ति स्थल पर श्रद्धांजलि दी।
देश उन्हें याद कर रहा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री की इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर 1984 को उनके अंगरक्षकों ने कर दी थी। 1984 में स्वर्ण मंदिर में में ऑपरेशन ब्लू स्टार के 5 महीने की सैन्य कार्रवाई के बाद उनकी हत्या की गई।
ऑपरेशन ब्लू स्टार सिख आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले और अन्य सिख अलगाववादियों को सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर की इमारतों से हटाने के लिए 1 से 10 जून 1984 के बीच एक भारतीय सशस्त्र बल ऑपरेशन था ।
उन्होंने जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक और फिर जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 में अपनी हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। इंदिरा गांधी को “भारत की आयरन लेडी” के रूप में जाना जाता है। उन्होंने बैंकों के राष्ट्रीयकरण किया। उन्हें प्रिवी पर्स उन्मूलन का श्रेय भी दिया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि 1971 के बांग्लादेश युद्ध के बाद दिग्गज बीजेपी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें देवी दुर्गा कहा था। 1999 में बीबीसी पोल में उन्हें ‘वुमन ऑफ द मिलेनियम’ नॉमेट किया गया था।
इंदिरा का जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में हुआ था। वह पंडित जवाहरलाल नेहरू की इकलौती संतान थी। जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री थे। उनका पूरा परिवार स्वतंत्रता संग्राम में शामिल था। उनके दादा मोतीलाल नेहरू एक फेमस वकील, एक्टिविस्ट और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने 1919 से 1920 और 1928 से 1929 तक दो बार कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उनकी मां कमला नेहरू भी एक स्वतंत्रता सेनानी और कांग्रेस की सदस्य थीं।
इंदिरा गांधी दिल्ली में मॉडर्न स्कूल, सेंट सेसिलिया और इलाहाबाद में सेंट मैरी कॉन्वेंट में पढ़ाई की। वह जिनेवा के इंटरनेशनल स्कूल, बेक्स में इकोले नोवेल्ले और पूना और बॉम्बे में प्यूपिल्स ओन स्कूल में भी गईं। इंदिरा गांधी ने विश्व भारती, शांतिनिकेतन में भी पढ़ाई की। जहां उन्हें महान कवि और लेखक रवींद्रनाथ टैगोर ने प्रियदर्शिनी नाम दिया था। उन्होंने 1942 में आनंद भवन में पारसी फिरोज गांधी से शादी की। उनके दो बेटे थे राजीव गांधी और संजय गांधी। वह 1960 में कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं।
जनवरी 1966 में ताशकंद (उज्बेकिस्तान) में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की आकस्मिक मृत्यु के बाद इंदिरा गांधी को मोरारजी देसाई के स्थान पर कांग्रेस संसदीय दल का नेता चुना गया। उन्होंने जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। 3 वर्षों के संक्षिप्त अंतराल के बाद वह जनवरी 1980 में सत्ता में लौटीं और 1984 में अपनी मृत्यु तक प्रधान मंत्री बनी रहीं।
उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के मुक्ति आंदोलन का समर्थन किया। उनके इस कदम के परिणामस्वरूप पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ और बांग्लादेश का निर्माण हुआ। बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के बाद उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 1984 में उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई का आदेश दिया। बाद में उनके घर के बाहर उनके ही दो अंगरक्षकों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।