नई दिल्ली, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश में बेतहाशा बढ़ती महंगाई और बेरोजगार के मुद्दे पर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराते हुए आरोपों के कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है।
कोर्ट की सजा पर संसद से अयोग्य करार दिये जा चुके राहुल गांधी ने बीते बुधवार को महंगाई और बेरोजगारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा, “ये किसका ‘अमृत काल’ है?
कांग्रेस नेता ने केंद्र की मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा सरकार के पास केवल एक ही काम बचा है और वह है कि दश के चंद पूंजीपतियों की संपत्ति में इजाफा करना और वो इस काम में इस कदर व्यस्त है कि उसे गरीबों और मध्यम वर्ग का कोई ख्याल नहीं रह गया है।
राहुल गांधी ने लंबा ट्वीट करते हुए कहा, “टमाटर 140 रुपये किलो, फूल गोभी 80 रुपये किलो, तुअर दाल 148 रुपये किलो, ब्रांडेड अरहर दाल 219 रुपये किलो और खाना पकाने का गैस सिलेंडर 1,100 के पार। पूंजीपतियों की संपत्ति बढ़ाने और जनता से टैक्स वसूल करने में व्यस्त भाजपा सरकार गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को भूल ही गई…।”
टमाटर: ₹140/किलो
फूल गोभी: ₹80/किलो
तुअर दाल: ₹148/किलो
ब्रांडेड अरहर दाल: ₹219/किलोऔर पकाने का गैस सिलेंडर ₹1,100 के पार
पूंजीपतियों की संपत्ति बढ़ाने और जनता से टैक्स वसूल करने में व्यस्त भाजपा सरकार, गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को भूल ही गई।
युवा बेरोज़गार हैं,…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 28, 2023
इसके साथ ही राहुल गांधी ने बेरोजगारी का सवाल उठाते हुए कहा, “युवा बेरोज़गार हैं, रोज़गार है तो आय कम है और महंगाई से बचत खत्म है। गरीब खाने को तड़प रहे हैं और मध्यमवर्ग बचाने को तरस रहा है।”
मोदी सरकार की आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस शासित प्रदेश सरकारों की तारीफ करते हुए कहा कि गरीबों को हारत देने के लिए कांग्रेस की राज्य सरकारें अपनी ओर से लगातार प्रयास कर रही हैं।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस शासित राज्यों में हमने महंगाई से राहत देने और गरीबों की जेब में पैसा डालने के लिए गैस की कीमतें कम की हैं। नफ़रत मिटाने, महंगाई, बेरोज़गारी हटाने और समानता लाने का प्रण है, भारत जोड़ो यात्रा। भाजपा को जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने नहीं देंगे।”
अपने ट्वीट के आखिर में राहुल गांधी ने आजादी के अमृतमहोत्सव को लेकर भी मोदी सरकार पर बेहद तीखा व्यंग्य किया। उन्होंने कहा, “सवाल पिछले नौ साल से एक ही है। आखिर ये किसका है यह ‘अमृत काल’?”