IIT के प्रोफेसर ने दी चेतावनी, उत्तर प्रदेश में तबाही लेकर आ सकता है 8 से अधिक तीव्रता का भूकंप

कानपुर, बीते दिनों देश में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. उत्तर भारत में भी इन दिनों में कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस हुए है . इसका केंद्र नेपाल का बझांग था. पहले भूकंप की तीव्रता 5.3 थी तो वहीं दूसरे भूकंप की तीव्रता 6.2 थी. वहीं आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर जावेद मलिक का कहना है कि अभी इस तरीके के और भूकंप आने की प्रबल संभावनाएं हैं. इतना ही नहीं तेज तीव्रता का भूकंप आने की बहुत आशंका है. जिसको लेकर हमे तैयारियां करनी चाहिए.

आईआईटी कानपुर के अर्थ साइंस विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर जावेद मलिक ने बताया कि भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है लेकिन भूकंप उत्तर प्रदेश में कभी नहीं आता है. भूकंप का सेंटर कहीं और रहता है. यहां पर सिर्फ उसका असर या झटका महसूस होता है. यूपी में भूकंप के दृष्टिकोण से 61 जिले हाई रिस्क जोन पर है. जहां पर भूकंप आने की आशंका हैं.

 

प्रोफेसर मलिक ने बताया कि इस बार रिक्टर स्केल पर 6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. इस तरीके के भूकंप आने वाले सालों और समय में आते रहेंगे लेकिन उसकी तीव्रता 8 या उससे ऊपर होने की प्रबल आशंका हैं. पहले भी कई बार इतनी तीव्रता के भूकंप आए हैं और उनसे नुकसान भी काफी हुआ है. 1934 में 8.2 का भूकंप आया था. इसके बाद 2015 में भूकंप भी आया था. वहीं 1505 में 8.3 का भूकंप आया था. उन्होंने कहा कि हम सब लोगों को सारी तैयारी कर कर रखनी चाहिए और सरकारों को भी सारी व्यवस्थाएं करनी चाहिए क्योंकि भविष्य में अधिक तीव्रता का भूकंप आने की प्रबल आशंका हैं. यह भूकंप कब आएगा यह कह पाना मुश्किल है लेकिन यह भूकंप आएगा.

वहीं प्रोफेसर मलिक ने बताया कि फिलहाल तो नेपाल और उसके आसपास भूकंप के झटके देखने को मिलते हैं. वहां उनका सेंटर रहता है लेकिन उत्तराखंड में भी पहले भी कई बड़े भूकंप आए हैं और आगे भी अधिक तीव्रता के भूकंप आने की वहां पर भी प्रबल आशंका है. यूपी के 61 जिले हाई रिस्क जोन में है. भूकंप के दृष्टिकोण से देश और प्रदेश को 4 जोन में बांटा गया है. जिसमें जोन 2, जोन-3 , जोन-4 और जोन-5 शामिल है. सबसे कम खतरे वाला जोन- 2 है वहीं और सबसे अधिक खतरे वाला जोन 5 है.

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