चीन की हरकतों को नजरअंदाज करने से भविष्य में मुश्किलें पैदा होंगी : राहुल गांधी

नई दिल्ली, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार को समझ नहीं आ रहा है कि सीमा पर चीन की हरकतों से कैसे निपटा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि चीन की हरकतों को नजरअंदाज करने से भविष्य में मुश्किलें पैदा होंगी। राहुल गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘केंद्र सरकार को समझ नहीं आ रहा कि चीन से कैसे निपटा जाए। आज उसकी हरकतों को नजरअंदाज करने से भविष्य में बड़ी मुश्किलें पैदा होंगी।’

कांग्रेस नेता ने जिस खबर का हवाला दिया उसमें दावा किया गया है कि डेमचोक इलाके में भारतीय सीमा के भीतर चीन की सेना ने टेंट लगा दिया है।

राहुल गांधी ने एक अन्य ट्वीट में ‘कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को याद किया। उन्होंने कहा, हमारे तिरंगे की गरिमा में अपनी जान देने वाले प्रत्येक सेनानी को दिल से श्रद्धांजलि। देश की सुरक्षा के लिए आपके व आपके परिवारों के इस सर्वोच्च बलिदान को हम हमेशा याद करेंगे। जय हिंद।

चीन द्वारा वहां आक्रामकता दिखाने के किसी भी संभावित प्रयास से निपटने के लिए डिवीजन आकार का गठन (लगभग 15,000 सैनिक) को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों से लद्दाख क्षेत्र में ले जाया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये जवान चीनी आर्मी द्वारा भविष्य में किसी भी कदम का मुकाबले करने के लिए लेह स्थित 14 कोर मुख्यालय की सहायता करेंगे। ये जवान चीनी सैनिकों द्वारा भविष्य में किसी भी कदम का प्रभावी तरीके से मुकाबला करने के लिए लेह स्थित 14 कोर मुख्यालय की सहायता करेंगे।

इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को ट्रैक्टर चलाकर संसद भवन पहुंचे। राहुल गांधी जो ट्रैक्टर चला रहे थे उस पर उनके साथ राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा, प्रताप सिंह बाजवा और पार्टी के कुछ अन्य सदस्य बैठे थे। इस ट्रैक्टर के आगे एक बैनर भी लगा था जिस पर ‘किसान विरोधी तीनों काले कृषि कानून वापस लो-वापस लो लिखा हुआ था। इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा, ‘किसानों की बात सुनी नहीं जा रही है। सरकार को इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना होगा। ये काले कानून हैं।’

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