यदि इतने दिनों से नहीं किया है लेन देन तो बंद हो जाएगा आपका खाता, जानिए क्या है RBI का नियम

नई दिल्ली, अगर आपने दो साल से अधिक समय से अपने बैंक अकाउंट से कोई लेन-देन नहीं किया है, तो आपका खाता डीएक्टिव हो सकता है। डीएक्टिवेट अकाउंट से किसी भी प्रकार का लेन-देन नहीं किया जा सकता, लेकिन जमा राशि पर ब्याज मिलता रहेगा। अकाउंट एक्टिव करने के लिए KYC प्रक्रिया का पालन करना होता है, और इसके लिए बैंक कोई शुल्क नहीं लेता।

सभी अलग-अलग सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए बैंक खाते का इस्तेमाल करते है, और आज के समय में हर किसी के पास अपना बैंक अकाउंट है, कोई व्यापार संबंधित लेन देन के लिए बैंक खाते को अपनाता है, तो कोई FD, RD समेत अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते है।

और वर्तमान समय में ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए भी बैंकिंग सुविधा का लाभ उठाते है, लेकिन अगर आपका बैंक में अकाउंट है, और आप उस अकाउंट से किसी कारण से आप दो वर्ष से अधिक समय से किसी भी प्रकार का लेन देन नहीं करते है तो आपका अकाउंट डीएक्टिव कर दिया जाता है, और आप फिर किसी भी प्रकार का लेन देन नहीं कर पाएंगे और आपके अकाउंट में जितने रकम है उतनी ही रकम रहेगी हालाँकि बैंक की ओर से इस पर आपको नियमित ब्याज दिया जाता रहेगा।

यदि आप अपने बैंक अकाउंट से 730 दिनों यानी की 2 साल के या इससे अधिक समय हो जाए और आप किसी भी प्रकार का लेन देन आप अपने बैंक से नहीं करते है, तो आपका अकाउंट Deactivate कर दिया जाता है, बैंक अकाउंट के Deactivate हो जाने पर आप अपने खाते से किसी भी प्रकार का लेन देन नहीं कर सकते है, यहां तक की बैंक खाते में जमा राशि का भी आप इस्तेमाल नहीं कर सकते है, बैंक खाते की रकम केवल जमा रहेगी और उसपर आपको ब्याज मिलता रहेगा।

कैसे करें बैंक खाता एक्टिव

डीएक्टिव बैंक अकाउंट को एक्टिव करने के लिए आपको बैंक ब्रांच में जाना होगा, और आपको KYC प्रक्रिया को अपनाना होगा, इसके बाद इसके लिए बैंक में KYC फॉर्म को जमा करें, और साथ ही दो फोटो पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज को जमा करें, यदि आपका ज्वाइंट बैंक अकाउंट है, तो इसके लिए दोनों खाताधारकों के लिए KYC डाक्यूमेंट्स को बैंक में जमा करना अनिवार्य है।

डीएक्टीव अकाउंट को रेगुलर करने के लिए किसी भी प्रकार का कोई चार्ज नहीं लगता है, RBI के नियम के अनुसार अगर आप अपने डीएक्टीव अकाउंट में कम से कम बैलेंस भी नहीं रखते है, तो भी बैंक की तरफ से इस पर कोई पेनल्टी आप पर नहीं लगती है।

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