टूलकिट पसंद नहीं है तो उसे नजरअंदाज कर देना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कथित ‘टूलकिट’ की जांच कराने की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर किसी को टूलकिट पसंद नहीं है तो उसे नजरअंदाज कर देना चाहिए। अदालत ने कहा कि इसके लिए जो दवा उपलब्ध है आप उसका इस्तेमाल कर सकते हैं, आप हाईकोर्ट जा सकते हैं। इस टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली है।

इस याचिका में इस कथित टूलकिट की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से करवाने की मांग की थी और जांच में आरोप सही पाए जाने पर कांग्रेस पार्टी का पंजीकरण रद्द करने की मांग की गई थी। हालांकि, न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह ने याचिकाकर्ता वकील शशांक शेखर झा से पूछा कि राजनीतिक प्रोपेगंडा के खिलाफ आर्टिकल 32 के तहत कैसे एक याचिका पर विचार किया जा सकता है।

एक वेबसाइट के अनुसार न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, ‘अगर आपको टूलकिट पसंद नहीं है तो इसे नजरअंदाज कर दीजिए।’ झा ने कहा कि कोरोना वायरस म्यूटेंट के लिए ‘इंडियन वेरिएंट’ शब्द का इस्तेमाल करना एक प्रोपेगंडा था। उन्होंने कहा कि सिंगापुर ने ‘सिंगापुर वेरिएंट’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई है। इस पर न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, ‘भारत एक लोकतंत्र है, आप जानते हैं?’

वहीं, न्यायाधीश शाह का कहना है कि इस मामले में एक आपराधिक जांच पहले ही लंबित है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता को अनुच्छेद 32 के अलावा अन्य उपाय अपनाने चाहिए। अदालत ने कहा कि हम संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत दायर इस याचिका पर विचार नहीं कर सकते, याचिकाकर्ता को वैकल्पिक रास्ते अपनाने चाहिए। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अदालत से याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी।

गौरतलब है कि भाजपा ने बीते दिनों कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि पार्टी ने सोशल मीडिया के लिए एक टूलकिट बनाई थी, जिसके अनुसार सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस के नए स्वरूप को ‘भारतीय स्वरूप’ या ‘मोदी स्वरूप’ के रूप में पेश किया गया। भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने इस टूलकिट के जरिये देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को वैश्विक स्तर पर खराब करने की कोशिश की।

हालांकि, कांग्रेस ने इन आरोपों को साफ तौर पर खारिज कर दिया है। पार्टी की तरफ से कहा गया है कि भाजपा उसे बदनाम करने के लिए साजिश रच रही है और इसके लिए वह फर्जी टूलकिट का सहारा ले रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने टूलकिट मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया है।

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