कोरोना संकट के बीच देश के अधिकांश राज्यों में डेंगू-मलेरिया और वायरल फीवर के मामले देखे जा रहे हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार ने भी उत्तर प्रदेश समेत 11 राज्यों को अलर्ट जारी किया है।
दरअसल इन राज्यों में डेंगू और वायरल फीवर से सैकड़ों बच्चों और वयस्कों की मौत हो चुकी है। इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि अगर 3 दिन के अंदर बुखार पूरी तरह से ठीक ना हो जाए तो अगले ही दिन डॉक्टर से सलाह लेकर डेंगू-मलेरिया या अन्य स्थितियों की जांच जरूर करा लेनी चाहिए। क्योंकि इस समय लापरवाही बरतना जानलेवा हो सकता है। खासकर उन लोगों को ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता है, जिन जिलों में संक्रमण के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।
यदि बुखार 3 दिन में ठीक ना हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। बुखार आने पर एक-दो दिन तक आप पेरासिटामोल ले सकते हैं! मगर लंबे समय तक खुद से दवा लेना हानिकारक हो सकता है।
डॉ के अनुसार आमतौर पर वायरल फीवर दो-तीन दिन तक रहते हैं, इस दौरान सिर दर्द, थकान और बुखार रहता है। लेकिन यदि बुखार के साथ बैक पेन, आंखों के पीछे दर्द और ठंड देकर बुखार आए तो यह डेंगू अथवा मलेरिया के संकेत हो सकते हैं। ऐसे में इन लक्षणों को नजरअंदाज करना आपको परेशानी में डाल सकता है। इसलिए जरूरी है कि ऐसी स्थिति में तुरंत बुखार की जांच कराएं। आमतौर पर डेंगू चार प्रकार के होते हैं जिनमें टाइप टू और टाइप 4 ज्यादा खतरनाक होते हैं।
डॉ के मुताबिक, डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। डेंगू बुखार में पानी पीना मौत के मुंह से बाहर ला सकता है। क्योंकि पानी की कमी होने पर प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगते हैं और ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है।