नई दिल्ली, भारत सरकार स्वदेशी रूप से निर्मित वेब ब्राउजर को लाने की तैयारी में है। गूगल क्रोम और मोजिला फायरफॉक्स को टक्कर देने के लिए जल्द “आत्मनिर्भरता” के नाम से वेब ब्राउजर लाया जाएगा।
गौरतलब है कि वेब ब्राउजर विकास में कुल 3 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय अनुदान दिया गया है और इसकी निगरानी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और उसके घटक विभागों द्वारा की जाएगी।
एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि चूंकि देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हमारे डिजिटल भाग्य पर हमारा नियंत्रण हो। हम उन क्षेत्रों में विदेशी वेब ब्राउज़रों पर निर्भर नहीं रहना चाहते हैं जहां सुरक्षा और सुरक्षा है नागरिकों की संख्या सर्वोपरि है…आत्मनिर्भरता वेब ब्राउजर में भी होनी चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार इस कार्यक्रम को गूगल और मोजिला फायरफॉक्स जैसी प्रमुख अमेरिकी ब्राउज़र कंपनियों को देश के वेब सुरक्षा प्रमाणन प्राधिकरण को अपने ‘ट्रस्ट स्टोर्स’ में शामिल करने के लिए मनाने के लिए सौदेबाजी की शक्ति देने के रूप में देखती है।
ब्राउजर के ट्रस्ट स्टोर या रूट स्टोर में प्रमाणन प्राधिकारियों की एक सूची होती है जिनके प्रमाणपत्रों पर भरोसा किया जा सकता है। वर्तमान में, गूगल क्रोम और मोजिला फायरफॉक्स जैसे शीर्ष ब्राउजर अपने रूट स्टोर में भारत की आधिकारिक प्रमाणन एजेंसी को शामिल नहीं करते हैं।
जानकारी के मुताबिक, सरकार को उम्मीद है कि स्वदेशी वेब ब्राउजर का विकास और लॉन्च 2024 के अंत तक पूरा हो जाएगा। इसने घरेलू स्टार्टअप, शैक्षणिक संस्थानों और निगमों को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है और विकास प्रक्रिया के दौरान चयनित पिचों को सहायता प्रदान करेगी।
एक अन्य सरकारी अधिकारी ने कहा, “सरकार घरेलू वेब ब्राउज़रों को अपनाने में भी मदद करेगी। उन्हें न केवल वेब 3 के अनुरूप होना होगा और क्रिप्टो टोकन के माध्यम से डिजिटल हस्ताक्षर सक्षम करने होंगे, बल्कि भारतीय भाषाओं के समर्थन जैसी स्वदेशी विशेषताएं भी होंगी।”