आज़म खान को बेदखल कर मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी पर सरकार ने किया कब्जा, 173 एकड़ जमीन पर कब्जा बेदखल

रामपुर, सपा सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती हुई दिख रही है. जहां उनकी ओर से बनवाई गई मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी पर अब राज्य सरकार ने कब्जा कर लिया है. यही नहीं उनके मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को भी बेदखल कर दिया गया है. बता दें कि जौहर ट्रस्ट ही यूनिवर्सिटी का संचालन करती है, जिसके अध्यक्ष खुद आजम खान हैं. जबकि उनकी पत्नी तजीन फातिमा सचिव हैं.

जानकारी के अनुसार जब टीम जमीन पर कब्जा करने के लिए आई तो यूनिवर्सिटी के वीसी ने दखल और कब्जा के पेपर पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया. जिसके बाद प्रशासन की टीम ने जौहर यूनिवर्सिटी की 173 एकड़ जमीन को लेकर कब्जा बेदखल करने की कार्रवाई की और नियमों के अंतर्गत तहसीलदार सदर ने 2 गवाहों की मौजूदगी में जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकारी कब्जा लिए जाने की कार्रवाई पूरी की.

जौहर यूनिवर्सिटी का निर्माण नियमों को ताख पर रखकर किया गया था. मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के ट्रस्ट को उत्तर प्रदेश प्रदेश सरकार ने वर्ष 2005 में कुछ शर्तों के साथ 12 एकड़ से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति दी थी. जिसमें कहा गया था कि इस यूनिवर्सिटी गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा और चैरिटी का कार्य किया जाएगा. लेकिन जब इशका निर्माण हुआ तो ऐसा कुछ नहीं हुआ. जिसके बाद भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने मुख्यमंत्री से शिकायत की.

सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने जांच बिठाई तो सभी आरोप सही पाए गए. नियमानुसार ट्रस्ट को प्रति वर्ष जिलाधिकारी को प्रगति रिपोर्ट देनी पड़ती है, लेकिन डीएम को कोई रिपोर्ट नहीं दी गई. इसके साथ ही ट्रस्ट ने भूमि खरीदने में नियमों का भी उल्लंघन किया, जिसके बाद अपर जिलाधिकारी की तरफ से कोर्ट में केस दर्ज कराया गया था.

सांसद आजम खान को एडीएम प्रशासन ने जौहर यूनिवर्सिटी की करीब 70 हेक्टेयर जमीन को राज्य सरकार में निहित करने का आदेश दिया था. जिसके बाद एडीएम के इस आदेश के खिलाफ जौहर ट्रस्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट याचिका दाखिल की थी. जिसे बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया.याचिका खारिज होने के बाद आज प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए इस जमीन को अपने कब्जे में लिया.

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