दिवाली के अगले दिन होती है गोवर्धन या अन्नकूट पूजा. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. इस बार 5 नवंबर के दिन ये त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन घर के पालतू पशु गाय, बछड़ा, आदि की पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण को 56 भोग लगाया जाता है. इस प्रक्रिया को अन्नकूट कहा जाता है. आइए जानते हैं गोवर्धन पूजा कि तिथि, शुभ मुहूर्त और पौराणिक कथा और 56 भोग के बारे में.
गोवर्धन पूजा मुहूर्त
बता दें कि भगवान गोवर्धन की पूजा सुबह के समय की जाती है. इस दिन सबसे पहले गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बना कर नमन करते हुए अन्न, खील, लावा, मिष्ठान आदि का भोग लगाएं. हिंदू पंचांग के अनुसार 05 नवंबर 2021, शुक्रवार प्रतिपदा तिथि को सुबह 02 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और रात्रि में 11 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी.
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
पूजा मुहूर्त – प्रात: 06:36 बजे से प्रात: 08:47 बजे तक
अवधि – 02 घंटे 11 मिनट
शाम का मुहूर्त – दोपहर 03:22 बजे से शाम 05:33 बजे तक
अवधि – 02 घंटे 11 मिनट
पौराणिक कथा
धार्मिक कथा के अनुसार, गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों को इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिए छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया था. उस पर्वत के नीचे खड़े होने से सभी गोकुलवासियों की जान बच गई थी. इस दिन गिरिराज को 56 भोग लगाते हैं, जिसका उनकी पूजा में बेहद महत्व है.
छप्पन भोग के तत्व
1. भक्त (भात), 2. सूप (दाल), 3. प्रलेह (चटनी), 4. सदिका (कढ़ी), 5. दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी), 6. सिखरिणी (सिखरन), 7. अवलेह (शरबत), 8. बालका (बाटी), 9. इक्षु खेरिणी (मुरब्बा), 10. त्रिकोण (शर्करा युक्त), 11. बटक (बड़ा), 12. मधु शीर्षक (मठरी), 13. फेणिका (फेनी), 14. परिष्टश्च (पूरी), 15. शतपत्र (खजला), 16. सधिद्रक (घेवर), 17. चक्राम (मालपुआ), 18. चिल्डिका (चोला), 19. सुधाकुंडलिका (जलेबी), 20. धृतपूर (मेसू), 21. वायुपूर (रसगुल्ला), 22. चन्द्रकला (पगी हुई), 23. दधि (महारायता), 24. स्थूली (थूली), 25. कर्पूरनाड़ी (लौंगपूरी), 26. खंड मंडल (खुरमा), 27. गोधूम (दलिया), 28. परिखा, 29. सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त), 30. दधिरूप (बिलसारू), 31. मोदक (लड्डू), 32. शाक (साग), 33. सौधान (अधानौ अचार), 34. मंडका (मोठ), 35. पायस (खीर), 36. दधि (दही), 37. गोघृत (गाय का घी), 38. हैयंगपीनम (मक्खन), 39. मंडूरी (मलाई), 40. कूपिका (रबड़ी), 41. पर्पट (पापड़), 42. शक्तिका (सीरा), 43. लसिका (लस्सी), 44. सुवत, 45. संघाय (मोहन), 46. सुफला (सुपारी), 47. सिता (इलायची), 48. फल, 49. तांबूल, 50. मोहन भोग, 51. लवण, 52. कषाय, 53. मधुर, 54. तिक्त, 55. कटु, 56. अम्ल