लखनऊ , बलरामपुर अस्पताल में महिलाओं के प्रसव की सुविधा नहीं है। फिर भी जालसाजों ने सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पर बनी अस्पताल की आईडी हैक कर अगस्त में 41 शिशु के जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिए। महारजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) दिल्ली द्वारा धोखाधड़ी की जानकारी देने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. रविन्द्र श्रीवास्तव ने वजीरगंज कोतवाली में इसका मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस साइबर सेल की मदद से जांच शुरू कर रही है निदेशक बताते हैं कि अस्पताल में सिर्फ मृत्यु प्रमाण पत्र बनते हैं। यहां महिलाओं के प्रसव की कोई सुविधा नहीं है। लिहाजा जन्म प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाते हैं। मामले की रिपोर्ट सीएमओ को भेजी दी है। विशेषज्ञों अस्पताल के पोर्टल की आईडी व पासवर्ड को बदल दिया है
बलरामपुर अस्पताल के सीआरएस के प्रभारी डॉ. एमपी सिंह बताते हैं कि अक्तूबर 2015 से मृत्यु प्रमाण पत्र इसी पोर्टल जरिए से जारी हो रहे हैं। अस्पताल में करीब एक माह से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हो रहे हैं। संशोधन करने में काफी परेशानी आ रही थी। दिल्ली स्थित महारजिस्ट्रार को इसकी भनक लगने पर हर दूसरे दिन इस पोर्टल को बन्द किया जा रहा था। 16 अगस्त को आईडी बंद होने पर मृत्यु प्रमाण पत्र व संशोधन के लिए कई लोग अस्पताल आ पहुंचे।
अपर रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु प्रमाण ने सीएमओ से शिकायत दर्ज कराई। स्वास्थ्य महानिदेशालय से जन्म-मृत्यु विभाग के विशेषज्ञ बलरामपुर अस्पताल आकर जांच की। जिसमें 41 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी करने का मामला सामने आया। मामले की पूरी रिपोर्ट केंद्र को भेजकर फर्जी प्रमाण पत्र को रद्द करने की सफारिश की गई है।
बलरामपुर अस्पताल से जारी किए गए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र लखनऊ समेत आसपास के जिलों के जारी हुए हैं। पुलिस ने सभी दस्तावेज ले लिए हैं। पुलिस प्रमाण पत्र पर दर्ज नवजात के परिजनों से पूछताछ कर रही है इंस्पेक्टर वजीरगंज धनंजय पांडेय ने बताया कि बलरामपुर अस्पताल की आईडी हैक कर जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने का मामला सामने आया है। मुकदमा दर्ज करते हुए साइबर क्राइम सेल की मदद से हैकर को तलाशने का प्रयास किया जा रहा है। अस्पताल के लिए जारी हुई आईडी किस कम्प्यूटर और कहां से ऑपरेट की गई थी। इसकी जानकारी आईपी एड्रेस की डिटेल आने पर पता चलेगी।