नई दिल्ली, नीट-यूजी 2024 परीक्षा मामले में मंगलवार (23 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. इस फैसले के बाद नीट परीक्षा देने वाले 4 लाख से ज़्यादा छात्रों को 4 नंबरों का नुकसान होगा. सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया कि 4 उत्तरों के सेट में से सिर्फ़ एक सही उत्तर ही मान्य होगा.
इस स्थिति में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मतलब है कि अब टॉपर की संख्या 61 नहीं रहेगी. नीट पेपर में 61 में से 44 छात्र ऐसे थे, जिनको दोनों में से एक उत्तर सही होने की सूरत में भी पूरे नंबर मिले थे. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के चलते अब टॉपर की संख्या गिरेगी. अब 17 ही टॉपर होंगे.
कमिटी ने विवादित सवाल पर क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के तीन विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा दी गई रिपोर्ट के बाद आया है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमने आईआईटी दिल्ली के जवाब को देखा. एनटीए ने एक सवाल के विकल्प 2 और 4 दोनों को सही माना और नंबर दिए. जिसके लिए आईआईटी दिल्ली के निदेशक ने 3 सदस्यीय कमिटी बनाई. जिसमें प्रोफेसर प्रदीप्ता घोष, प्रोफेसर आदित्य नारायण अग्निहोत्री और प्रोफेसर संकल्पा घोष शामिल थे. उन्होंने विकल्प 4 को सही जवाब माना है.
NTA दोबारा रिजल्ट की घोषणा करें- CJI
सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि दिल्ली आईआईटी की 3 सदस्यों वाली कमेटी के विकल्प 4 को सही माना था. इसलिए इस आधार पर हम विकल्प 4 को सही मानते हैं और मामले की रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं. सीजेआई ने कहा कि ऐसे में एनटीए इसके आधार पर दोबारा रिजल्ट की घोषणा करें.
जिन छात्रों को समस्या वो जा सकते हैं हाई कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि1563 छात्रों को विशेष परीक्षा या पुराने रिजल्ट को स्वीकार करने का विकल्प दिया गया था. इसके लिए एनटीए ने स्पेशल परीक्षा आयोजित की थी. सीजेआई ने कहा कि जिन छात्रों को सुप्रीम कोर्ट के फैसलें पर कोई व्यक्तिगत समस्या है, वह इसके लिए हाई कोर्ट जा सकते हैं.
दोबारा परीक्षा कराने से SC ने किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा स्टेज पर रिकॉर्ड पर ऐसी कोई सामग्री नहीं है, जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि परीक्षा का रिजल्ट भ्रष्ट था. पीठ ने कहा कि नीट एग्जाम में कोई सिस्टेमैटिक ब्रीच नहीं पाया गया है. साथ ही फिजिक्स के विवादित सवाल को लेकर कहा कि इसका सही जवाब विकल्प 4 है. कोर्ट ने कहा कि हम आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं और उसके जवाब के हिसाब से फिर से नीट यूजी का रिजल्ट जारी करें.