नई दिल्ली, मौसम में बदलाव होने से आई फ्लू संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर स्कूली बच्चों पर देखा जा रहा है। हाल, ये है कि स्कूलों में बच्चे तेजी से संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।
यही वजह है कि स्कूल संचालकों द्वारा निरंतर एडवाइजरी जारी की जा रही है। अभिभावकों से कहा जा रहा है कि आई फ्लू की चपेट में आने वाले बच्चों को स्कूल न भेजें। यही वजह है कि काला चश्मा लगाकर स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
बारिश के बाद बाढ़ और लगातार आद्रता की वजह से मौसम में बार-बार बदलाव आ रहा है। यमुना का जलस्तर उतरने के बाद गंदगी भी तेजी से बढ़ी है। यही वजह है कि लोग तेजी से आई फ्लू की चपेट में आ रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा असर स्कूली बच्चों पर देखने को मिल रहा है। आंखों में जलन होने के साथ शुरु होने वाला आई फ्लू का संक्रमण अभिभावकों की चिंता बढ़ा रहा है।
चिकित्सकों की मानें तो मौसम में आए बदलाव की वजह से आंखों की बीमारी कंजंक्टिवाइटिस ने जन्म लिया है, जिसका आसर आंखों पर पड़ रहा है। सबसे पहले आंखों में जलन होती है और उससे बाद धीरे-धीरे आंख लाल होनी शुरु हो जाती है। इसके बाद तेजी से सूजन बढ़ती है। आंखों में असहनीय दर्द का भी अहसास होता है। इस संक्रमण ने अभी तक सबसे ज्यादा स्कूली बच्चों को चपेट में लिया है। सीएमओ के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक आई फ्लू के मरीज मिले हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञ के अनुसार इस समय आई फ्लू के मरीज बढ़ रहे हैं। सावधानी जरूरी है। रूमाल, तौलिया आदि चीजें अपनी उपयोग करें। हाथ धोते रहें। आई फ्लू से पीड़ित लोगों से हाथ मिलाने और गंदे हाथों से आंखों को छूने से भी आंखों में इंफेक्शन हो सकता है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा.निधि जैन ने बताया कि यह बीमारी किसी को देखने से नहीं बल्कि उसके उपयोग किए जाने वाले सामान के छूने से होती है।
डा. ने बताया कि जो भी पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आता है, उसमें भी कंजंक्टिवाइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि कंजंक्टिवाइटिस वैसे तो कोई जानलेवा संक्रमण नहीं है, इसका असर करीब 5-6 दिनों तक रह सकता है। यह बीमारी न तो हवा के जरिए फैलती है और ना ही आई कॉन्टेक्ट से। कंजंक्टिवाइटिस किसी को तब प्रभावित करता है, जब वो किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों का इस्तेमाल करता है।
आई फ्लू का संक्रमण बढ़ने से मेडिकल स्टोरों पर इस बीमारी से संबंधित दवा की डिमांड बढ़ गई है। दवा मिलने में भी परेशानी आ रही बताते हैं। यही नहीं चश्मों की बिक्री में भी इजाफा हुआ है। खासकर बच्चो के लिए लोग चश्मे खरीद रहे हैं, ताकि संक्रमण से बचाव किया जा सके।
कैसे करें अपना बचाव
साफ-सफाई का ध्यान रखें।
बार-बार हाथ धोते रहें।
आंखों को बार-बार न छुएं।
किसी से भी तौलिया, बिस्तर या रूमाल शेयर न करें।
कॉन्टैक्ट लेंस से बचें।
डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें।