नई दिल्ली, साकेत निवासी आईआईआईटी के प्रोफेसर समरेश चटर्जी के दादा जीसी चटर्जी को मिला पद्म भूषण पदक चोरी कर लिया गया। हालांकि कालिंदी कुंज थाना पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पदक चुराने वाली महिला समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
एक आरोपी श्रवण कुमार समरेश चटर्जी का मेडिकल अटेंडेंट था। उसने पदक चुराकर साथियों को बेचने के लिए दे दिया था। सुनार प्रशांत विश्वास ने पदक के सोने को पिघलाकर आगे बेच दिया था। सुनार ने आरोपियों को मेडल के 72 हजार रुपये दिए थे।
मदनपुर खादर जेजे कॉलोनी निवासी श्रवण कुमार, मदनपुर खादर स्थित बीपीसी कैंप फेज तीन निवासी हरि सिंह, मदनपुर खादर जेजे कॉलोनी निवासी रिंकी देवी, मदनपुर खादर के राज नगर विस्तार निवासी वेद प्रकाश और मदनपुर खादर जेजे कॉलोनी निवासी जूलर प्रशांत विश्वास के रूप में हुई।
दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त राजेश देव ने बताया कि कालिंदी कुंज थाने में तैनात एसआई अजय चौहान को 27 फरवरी को सूचना मिली थी कि मदनपुर खादर में रहने वाले हरि सिंह, रिंकी देवी और वेद प्रकाश ने एक पद्म भूषण पदक बेचने के लिए दलीप नाम के एक जूलर से संपर्क किया है।
पद्म भूषण के दोनों तरफ सोने के सुनहरे उभार हैं। जूलर दलीप ने पदक नहीं खरीदा और एसआई अजय चौहान को सूचना दे दी। मामले की जांच के लिए एसीपी (सरिता विहार) योगेश मल्होत्रा व कालिंदी कुंज थानाध्यक्ष एमएस कमाल के नेतृत्व में एसआई अजय चौहान, एएसआई साजिद और एएसआई राकेश की टीम का गठन किया गया। सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण और स्थानीय खुफिया जानकारी जुटाने के बाद आरोपियों की पहचान हरि सिंह, रिंकी देवी और वेद प्रकाश के रूप में हुई।
ये भी पता लगा कि सभी आरोपी मदनपुर खादर में रहते हैं। जांच में पता लगा कि पद्म भूषण श्रवण नामक व्यक्ति ने चुराया था। वह साकेत के डीडीए फ्लैट में रहने वाले समरेश के यहां मेडिकल अटेंडेंट है।
स्वास्थ्य ठीक न होने पर अकेले रहते हैं समरेश
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, समेरश चटर्जी आईआईआईटी में प्रोफेसर हैं। उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं है और वह अकेले रहते हैं। इस कारण उन्होंने श्रवण को चिकित्सा सहायक के तौर पर रखा हुआ था। श्रवण ने 25 फरवरी को पीड़ित के घर से पद्म भूषण पदक चुरा लिया।
गोलाकार पीतल डिस्क को बरामद करने के प्रयास
श्रवण ने पदक बेचने के लिए साथी हरि सिंह को दिया। हरि ने आगे वेद प्रकाश को दे दिया। उसने अपनी बहन रिंकी देवी को पदक दे दिया। रिंकी ने सीआर पार्क के जूलर प्रशांत विश्वास को दे दिया। प्रशांत ने पदक के सोने को पिघलाकर किसी को बेच दिया था। एसआई अरुण चौहान की टीम ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पदम भूषण मेडेलियन को गोल्डन लोटस कैपिटल एम्बॉसमेंट और सोने की पिन के साथ बरामद कर लिया, जबकि गोल्डन लायन कैपिटल एम्बॉसमेंट और गोलाकार पीतल डिस्क को बरामद करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पद्म भूषण समरेश चटर्जी के दादा जीसी चटर्जी को 1962 में मिला था। वह पंजाब विश्वविद्यालय, राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति थे। साथ ही यूपीएससी के सदस्य और नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष थे।