लखनऊ, निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2019 (आरटीई) के तहत प्रवेश लेने के लिए जालसाजी करने वाले अभिभावकों पर विभाग ने कार्रवाई करने का मन बना लिया है।
कई स्कूलों से बेसिक शिक्षा अधिकारी को शिकायत मिली हैं कि अभिभावकों ने अपने बच्चे को प्रवेश दिलाने के लिए गलत प्रमाण पत्र का प्रयोग किया है। विद्यालय प्रबंधन से मिली सभी शिकायतों की जांच की जाएगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी और 50 निजी विद्यालयों के प्रधानाचार्य-प्रबंधकों के बीच दो चरणों में शुक्रवार को बैठक में हुई।
बैठक में एक तरफ जहां विद्यालय प्रबंधन को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आरटीई में प्रवेश संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए वहीं दूसरी दूसरी विद्यालय प्रबंधन ने शिकायत की कि बहुत से अभिभावक आरटीई में प्रवेश के लिए अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र बनवाने में जालसाजी करते हैं। जिसके कारण वास्तविक लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिलता है। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने शिकायतों की जांच कराने का आश्वासन दिया और कहा कि यदि जांच में अभिभावक द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रपत्रों में जालसाजी पायी तो अभिभावक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करायी जाएगी।
बैठक में निजी स्कूलों की तरफ से पिछले तीन वर्षों से प्रतिपूर्ति शुल्क नहीं मिलने की समस्या बतायी गई। प्रबंधकों ने कहा कि शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिलने से विद्यालय को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अवशेष शुल्क प्रतिपूर्ति हो जाएगी तो शिक्षकों के वेतन भुगतान व विद्यालय के संसाधनों को सही कराने में सुविधा होगी। बैठक में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि शुल्क प्रतिपूर्ति की शासन से मांग की जा चुकी है। बजट आवंटित होते ही शुल्क प्रतिपूर्ति कर दी जाएगी। इसके साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आरटीई में चयनित बच्चों के प्रवेश समय से लिए जाने के निर्देश दिए।
नए सत्र 2022-23 में आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया चालू है लेकिन निजी विद्यालय शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं होने से प्रवेश नहीं ले रहे हैं। प्रवेश गति बेहद धीमी है। सत्र 2022-23 के लिए आरटीई के माध्यम से प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले चयनित आवेदकों की दो सूचियां जारी हो चुकी हैं। पहली सूची में 9707 एवं दूसरी सूची में चार हजार चयनित बच्चों की सूची जारी काफी समय हो गया लेकिन 100 फीसदी प्रवेश नहीं हो सका है। पहली सूची में सिर्फ 4100 सौ बच्चों को प्रवेश ही हो सका है।