



बरेली, उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में शुक्रवार को दर्दनाक हादसा हुआ। किला थाना इलाके के मोहल्ला बाकरगंज में शुक्रवार सुबह मांझा बनाने की अवैध फैक्टरी में धमाका हो गया। इससे फैक्टरी मालिक और दो कारीगरों के चीथड़े उड़ गए।
पतंगबाजी के लिए मजबूत मांझा बनाने के लिए गंधक, पोटाश, कांच और लोहे के बुरादे का मिश्रण तैयार करने के दौरान यह हादसा हुआ।
जानकारी के अनुसार, अतीक का घर तीन मंजिला बना हुआ है। घर के बाहर गली में निगरानी के लिए भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। प्रथम तल पर अतीक एक कमरे में मांझा और कच्चे माल का स्टॉक रखता था। प्लॉट में मांझा बनाया जाता था।
मांझा बनाने से पहले बरामदे में कच्चा माल तैयार किया जाता था। जिस स्थान पर धमाका हुआ, अतीक और फैजान के शव के चीथड़े उसके 15 से 20 फुट दूर तक फैले मिले। पोस्टमॉर्टम के लिए उनको एकत्र करना पड़ा। धमाके में सरताज के शरीर के नीचे का हिस्सा और एक हाथ अलग हो गया था। अतीक के घर की कांच की खिड़कियां भी चटक गईं।
बरामदे के पास ही एक कमरे में अतीक ने ऑफिस भी बना रखा था। यहीं सीसी कैमरों के मॉनीटर भी लगे थे। एक कमरे में मांझा और कच्चे माल का स्टॉक रखा था। इसे पुलिस ने सीज कर दिया है। अब पुलिस सीज किए गए स्टॉक की जांच करेगी।
मिश्रण में गंधक और पोटाश की मात्रा ज्यादा
बात करने पर मांझा बनाने वाले कारीगरों ने बताया कि मिश्रण में गंधक और पोटाश की मात्रा ज्यादा होने के कारण ही इतना जबरदस्त धमाका हो सकता है। शुक्रवार देर रात तक मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी थी। पुलिस ने सीसी कैमरों के डीवीआर को कब्जे में ले लिया है। इनकी जांच के बाद मामले की रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, धमाके की गूंज तीन किलोमीटर दूर तक सुनी गई। फॉरेंसिक टीम ने मौके से नमूने लेकर जांच के लिए भेजे हैं। रिपोर्ट आने के बाद धमाके का राज सामने आएगा। बाकरगंज निवासी अतीक रजा खां (51) मांझा बनाने की अवैध फैक्टरी चलाते थे।
मोहल्ले के ही फैजान (26) और सरताज (24) उनकी फैक्टरी में कारीगर थे। अतीक ने अपने घर से सटे स्थित भूखंड पर मांझा बनाने का अड्डा बना रखा था। शुक्रवार सुबह 10 बजे अतीक, फैजान और सरताज मांझा बनाने के लिए मसाला तैयार कर रहे थे। इसके लिए गंधक, पोटाश के साथ कांच और लोहे के बारीक बुरादे को मिलाकर लुगदी तैयार की जानी थी। बताते हैं कि इन घातक पदार्थों का मिश्रण तैयार करने के दौरान ही धमाका हो गया।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, हादसे में लुगदी बना रहे अतीक और फैजान के चीथड़े उड़ गए। नजदीक मौजूद सरताज भी गंभीर घायल हो गया। बाद में इलाज के दौरान जिला अस्पताल में उसने भी दम तोड़ दिया। धमाके के बाद इलाके में दहशत फैल गई। मौके पर भीड़ लग गई।
धमाके की सूचना पर कई थानों की पुलिस, फायर ब्रिगेड और फील्ड यूनिट मौके पर पहुंच गईं। डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी अनुराग आर्य ने भी मौके का जायजा लिया। अतीक और फैजान के शव पोस्टमाॅर्टम के लिए भेजने के बाद आसपास के इलाके को खंगाला गया। पुलिस विस्फोटक की मौजूदगी की आशंका की भी पड़ताल कर रही है। वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है, पर ऐन मौके पर बिजली गुल होने की वजह से धमाका सीसीटीवी में कैद नहीं हो सका।
सीएफओ चंद्रमोहन शर्मा ने बताया कि मौके पर गए थे। वहां आग लगने जैसे संकेत नहीं मिले हैं। अवैध फैक्टरी के संचालक ने अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) भी नहीं लिया था। फैक्टरी का संचालन इतनी संकरी गली में किया जा रहा था कि वहां पर एनओसी दी ही नहीं सकती।
बाकरगंज में मांझा बनाने की फैक्टरी अवैध रूप से संचालित की जा रही थी। वहां गंधक-पोटाश का मिश्रण तैयार करने के दौरान हुए धमाके में तीन लोगों की मौत हुई है। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। – अनुराग आर्य, एसएसपी
पुलिस-प्रशासन की टीम ने एक घायल को अस्पताल भेजा, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। मांझा निर्माण में सावधानी बरतने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे की पुनरावृत्ति न हो। – रविंद्र कुमार, डीएम