येरूशलम , इजराइल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच लगभग 45 दिनों से युद्ध चल रहा है। 7 अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने अचानक इजराइल पर हमला कर 1400 नागरिकों को मार डाला था, कई बच्चों को जिन्दा जलाकर, काटकर बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था
यही नहीं, हमास के आतंकियों ने इजराइली महिलाओं के नग्न शरीर भी सड़कों पर घुमाए थे, जिसके वीडियो देखकर दुनियाभर में आक्रोश फैल गया था। इस घटना के बाद से इजराइल आगबबूला है और उसने हमास के आतंकियों को जड़ से ख़त्म करने की कसम खाई है।
अब इजराइल, हमास द्वारा शासित गाज़ा पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है, जिसमे लगभग 13000 लोग मारे गए हैं। हालाँकि, इजराइल ने कई बार गाज़ा के आम नागरिकों को वह इलाका खाली करने के लिए कहा है, ताकि हमास पर होने वाले इजराइली हमलों में उनकी जान न जाए। लेकिन, आम फिलिस्तीनी नागरिक, हमास के आतंकियों की मानवीय ढाल बने हुए हैं और इजराइली हमलों का शिकार बन रहे हैं। गाज़ा में आम नागरिकों की मौत से दुनियाभर के मुस्लिम देश और मानवाधिकार संगठन आवाज़ उठाने लगे हैं, हालाँकि, ये सभी लोग 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास द्वारा किए गए वीभत्स हमले और यहूदियों की मौत पर कई जगह मुस्लिमों द्वारा जश्न मनाए जाने पर मौन थे। इजराइल में भी आम नागरिक ही मारे गए थे और अब गाज़ा में भी मारे जा रहे हैं।
इसको लेकर अब तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने कहा है कि, “अस्पतालों में गोलीबारी करना या बच्चों को मारना टोरा (यहूदियों की बाइबिल) में नहीं लिखा है।” उन्होंने कहा कि, “देखो, पूजा स्थलों पर हमला किया गया है, चर्चों पर हमला किया गया है, अस्पतालों पर हमला किया गया है। लेकिन अस्पतालों पर गोलीबारी करना, बच्चों को मारना, ये चीजें टोरा में नहीं लिखी हैं, आप ऐसा नहीं कर सकते। यह मानवाधिकार की घोषणा नहीं है, आप ऐसा नहीं कर सकते यही कारण है कि हमें इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध को ऋणग्रस्तता के मनोविज्ञान से नहीं देखना चाहिए।”
दोनों नेताओं की निजी बातचीत से पहले, चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आगे बोलते हुए, एर्दोगन ने सुझाव दिया कि जर्मनी ने नरसंहार के अपराध बोध के कारण गाजा युद्ध में इज़राइल का समर्थन किया। तुर्की के राष्ट्रपति ने तुर्की के साथ भी तुलना की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि वह बिना किसी पूर्वाग्रह के अपनी बात कहने में सक्षम है। तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि, “जो लोग इजरायल के प्रति कृतज्ञ महसूस करते हैं, वे खुलकर नहीं बोल सकते। हम होलोकॉस्ट प्रक्रिया से नहीं गुजरे, हमारे पास ऐसी स्थिति नहीं है, क्योंकि मानवता के प्रति हमारा सम्मान अलग है।”
एर्दोगन ने कहा कि, “देखिए, हम खुलकर बात कर सकते हैं, क्योंकि हम पर इजरायल का कोई बकाया नहीं है।” यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि संघर्ष शुरू होने के बाद से जर्मनी में यहूदी विरोधी भावना और इस्लामोफोबिया में वृद्धि देखी गई है और फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन को कठिन बनाने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है, जिससे सरकार को डर है कि यह यहूदी विरोधी हो सकता है।
बता दें कि, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जर्मनी के चांसलर अडोल्फ हिटलर ने क्रूर तरीकों से 6 मिलियन यहूदियों और 5 मिलियन अन्य पीड़ितों को मार डाला था और युद्ध के बाद की इसकी पहचान प्रलय के गहरे प्रायश्चित पर आधारित है। आधुनिक इज़राइल की स्थापना 1948 में यहूदियों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल के रूप में की गई थी।