मौसम के बदलते मिज़ाज के चलते आम धीरे धीरे बाजार से हो रहा है ग़ायब

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में फलों का राजा कहे जाने वाला आम और लखनऊ की शान अब एक हफ्ते बाद हम सब से दूर चला जाएगा. बाजार में पहले से ही दशहरी और अन्य किस्म का आम पूरी तरीके से खत्म हो चुका है. अब लखनऊआ और सफेदा और चौसा आम मार्केट में बचा हुआ है. एक हफ्ते बाद पूरी तरीके से इस साल का आम का मौसम भी खत्म हो जाएगा.

इस बार कोरोना संक्रमण के दौरान आम के इंतजार में काफी समय तक लोगों को आम की मांग से दूर रखा. उत्तर प्रदेश में लखनऊ की मलिहाबाद बागान जो तरह-तरह के किस्म के आमों के लिए मशहूर है, इसमें दशहरी, लंगड़ा मिठुआ, हुस्नआरा सहित कई वैरायटी ओके आम देश सहित विदेश में भी भेजे जाते हैं. इस बार काफी आम देश में ही काफी लोगों में खपत किया गया।

 

हालांकि इस जुलाई के आखिर में अब पूरी तरीके से दशहरी आम खत्म हो जा चुका है. हुस्नारा लंगड़ा और पहले ही खत्म हो जा चुका था. ऐसे में अब लखनऊ में लखनऊ हुआ सफेदा और चौसा आम कि लोगों के लिए बचा हुआ है जो कि मात्र 1 हफ्ते और बाजार में मौजूद रहेगा उसके बाद यह पूरी तरीके से आम का इस साल का मौसम खत्म हो जाएगा।

आम बेचने वाले रहीम के मुताबिक, इस बार आम काफी महंगा मिला. इसी वजह से ग्राहक भी कम रहे. हालांकि वैरायटी बहुत ज्यादा नहीं थी, लेकिन अब तो पूरी तरीके से आम खत्म हो चुका है. अब केवल चौसा और सफेदा आम ही बचा है, जो एक हफ्ते बाद पूरी तरीके से खत्म हो जाएगा. दाम की बात करें तो 50 रुपये किलो और 60 रुपये किलो आम आ रहा है. ऐसे में ग्राहक भी अब आम को थोड़ा सा कम पसंद कर रहे हैं।

आम खरीदने आईं मालिनी के मुताबिक इस समय आम काफी अच्छा नहीं आ रहा है, क्योंकि बारिश होने के बाद अब आम लचीला हो गया है और जिसकी वजह से काफी खराब भी निकल रहे हैं. उन्होंने कहा कि चौसा आम थोड़ा बहुत ठीक है लेकिन वह भी अब बारिश की वजह से अंदर से पिला-पिला होने की वजह से पसंद नहीं कर रहे हैं।

 

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