



नई दिल्ली, खुदरा महंगाई के मार्च, 2025 में घटकर करीब छह साल के निचले स्तर पर आने से रेपो दर में लगातार तीसरी बार कटौती की उम्मीद बढ़ी है। आरबीआई फरवरी, 2025 से अब तक रेपो दर दो बार में 0.50 फीसदी घटा चुका है।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतें घटने से मार्च में खुदरा महंगाई में क्रमिक आधार पर तेज गिरावट आई है। दूसरे अग्रिम अनुमान के तहत 2024-25 में रिकॉर्ड कृषि उत्पादन होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की होने वाली अगली तीन बैठकों में प्रमुख नीतिगत दर में 0.50 फीसदी की और कटौती हो सकती है। वहीं, मार्च के महंगाई के आंकड़ों ने जून में एमपीसी की होने वाली अगली बैठक में रेपो दर में 0.25 फीसदी की कटौती की उम्मीद बढ़ाई है।
तेलंगाना में दर सबसे कम, यूपी में 3.01 फीसदी
राज्यों के लिहाज से तेलंगाना में खुदरा महंगाई की दर सबसे कम 1.06 फीसदी और केरल में सबसे अधिक 6.59 फीसदी रही। दिल्ली में यह 1.48 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 3.01 फीसदी, हिमाचल प्रदेश में 3.20 फीसदी, पंजाब में 3.65 फीसदी, उत्तराखंड में 3.78 फीसदी, हरियाणा में 3.81 फीसदी और जम्मू-कश्मीर में 4 फीसदी रही।
इन उत्पादों की घटी कीमत
फल और ईंधन समेत इन वस्तुओं की बढ़ी महंगाई: फल, तेल-वसा, चीनी, मसाले, तैयार खाना, ईंधन-बिजली, हाउसिंग, स्वास्थ्य, शिक्षा, यातायात और पान-तंबाकू के दाम फरवरी की तुलना में बढ़े हैं।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय के मुताबिक, सालाना आधार पर अदरक समेत पांच वस्तुओं की कीमतों में सबसे अधिक गिरावट आई है। अदरक की महंगाई सबसे ज्यादा 38.11 फीसदी घटी है। टमाटर की कीमतों में 34.96 फीसदी, गोभी में 25.99 फीसदी, जीरा में 25.86 फीसदी और लहसुन में 25.22 फीसदी गिरावट।
खाद्य तेल की कीमतें अब भी चिंता का विषय
केयरएज रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा, खाद्य तेल की कीमतें अब भी चिंता का कारण बनी हुई है। इसके बावजूद आगामी महीनों में खाद्य महंगाई दायरे में रहेगी।