उत्तर भारत में गर्मी कहर बरपा रही है. इन दिनों उच्च तापमान और वातावरण में मौजूद नमी की अधिकता ने जीना दूभर कर दिया है. गर्मी से राहत पाने के लिए लोग पहाड़ों की ओर जा रहे हैं ताकि ठंडे मौसम में सुकून के कुछ पल बिताया जा सके. इसके अलावा कई लोग तो गर्मी से लड़ने के लिए देर-देर तक नहा भी रहे हैं. यदि आप भी पानी में देर तक नहाएं तो आपके हाथ और पैर की त्वचा सिकुड़ जाती होगी. ये तो हम सभी जानते हैं कि देर तक पानी में रहने या नहाने के बाद हाथ और पैर की त्वचा सिकुड़ जाती है लेकिन शायद आपने कभी इस बात पर गौर ही नहीं किया होगा कि आखिर ऐसा होता क्यों है?
देर तक पानी में रहने या नहाने के बाद हमारे हाथ और पैर की त्वचा सिकुड़ जाती है।
खास बात ये है कि हमारे हाथ और पैर की त्वचा बाकी हिस्से की त्वचा से काफी मोटी होती है. इसके अलावा पानी में रहने की वजह से त्वचा में आने वाली सिकुड़न भी कुछ ही देर के लिए होती है और फिर अपने आप ही ठीक हो जाती है. दरअसल, यह पूरी प्रक्रिया प्राकृतिक है और आमतौर पर इससे कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
पानी में रहने या नहाने की वजह से त्वचा में होने वाली सिकुड़न का कारण जानने से पहले आपको ये जानना जरूरी है कि हमारा शरीर वातावरण के मुताबिक खुद को ढाल लेता है. लिहाजा, पानी की वजह से त्वचा सिकुड़ने के बाद किसी गीली वस्तु पर हमारी पकड़ मजबूत हो जाती है जबकि हम सूखे हाथों से गीली चीज को अच्छी तरह से नहीं पकड़ सकते. इतना ही नहीं, पैरों की सिकुड़ी हुई त्वचा की मदद से ही हम स्वीमिंग पूल या फिर भीगी सतह पर अच्छी तरह से चल पाते हैं. वहीं, यदि हमारा पैर सूखा हो तो गीली सतह पर चलना काफी मुश्किल हो जाता है और हम फिसल जाते हैं।
आइए अब जानते हैं कि पानी में देर तक रहने या नहाने की वजह से हमारे हाथ और पैर की त्वचा सिकुड़ क्यों जाती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक हमारी त्वचा की सबसे ऊपरी परत पर सीबम नामक तेल होता है. यह हमारी स्किन की सुरक्षा करने के साथ ही चिकनाई और नमी भी प्रदान करता है. आप इस सीबम तेल के काम को इस तरह से भी समझ सकते हैं कि ये हमारी स्किन पर रेनकोट जैसा काम करता है. यही वजह है कि सूखे हाथों को धोते हैं तो पानी आसानी से फिसल जाता है।
लेकिन, जब हम देर तक पानी में बैठे रहें या नहाते रहें तो हमारी त्वचा पर मौजूद सीबम तेल धुल जाता है. यही वजह है कि ऐसी परिस्थितियों में पानी हमारे हाथ और पैर की ऊपरी त्वचा में प्रवेश करने लगता है और अधिक पानी के प्रवेश की वजह से स्किन सिकुड़ जाती है. हालांकि, जैसे-जैसे स्किन की ऊपरी परत में घुसा पानी वाष्पीकृत होता जाता है, वैसे-वैसे हमारे हाथ और पैर की त्वचा पहले की तरह ही सामान्य हो जाती है।
इसके अलावा हाथ और पैर की त्वचा सिकुड़ने के पीछे एक और वजह होती है. दरअसल, हमारी त्वचा केराटिन से बनी होती है. बाकी शरीर की त्वचा के मुकाबले हाथ और पैरों की त्वचा में केराटिन ज्यादा प्रभावशाली होती है. लिहाजा, देर तक पानी के संपर्क में रहने की वजह से हमारे हाथ और पैर की त्वचा पानी सोखने लगती है और सिकुड़ जाती है. पानी की वजह से त्वचा सिकुड़ने की प्रक्रिया को Aquatic Wrinkles कहा जाता है.