नई दिल्ली, आज से शराब पीने के शौकीनों को बड़ा झटका लगा रहा है, क्योंकि आज से देश में शराब महंगी हो गई है। दरअसल, आज से नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है। इसके साथ ही नई एक्साइज पॉलिस भी लागू हो गई है।
इससे बीयर, देसी और अंग्रेजी तीनों प्रकार की शराब के दामों में इजाफा हुआ है। उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश तीनों राज्यों में सरकारों ने शराब के नए रेट जारी कर दिए हैं। शराब के ठेकेदारों को भी नोटिफिकेशन भेज दिया गया है। नए रेट आज से ही लागू होंगे। आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी निर्देश है।
क्यों बढ़े शराब के रेट?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गत 29 जनवरी को नई आबकारी नीति 2023-24 को मंजूरी मिली थी। मोदी कैबिनेट ने इस पर मुहर लगाई थी। नई आबकारी नीति के अनुसार, देश में शराब की लाइसेंस फीस 10 प्रतिशत बढ़ गई। एक्साइज रेट भी बढ़ाया गया है। इस वजह से ही देश में आज से शराब और बीयर महंगी हो गई। नई आबकारी नीति के तहत केंद्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष में करीब 45 हजार करोड़ रुपये कमाने का लक्ष्य तय किया है। अब से पहले शराब के रेट जून 2022 में बढ़ाए गए थे। अब डेढ़ साल बाद एक बार फिर शराब के रेटों में इजाफा हुआ है, जिन्हें आज एक अप्रैल से लागू किया गया है।
उत्तर प्रदेश में देसी शराब का पव्वा 5 रुपये महंगा हुआ है। यह अब 65 की बजाय 70 रुपये का मिलेगा। दूसरे प्रकार का पव्वा, जिसकी कीमत 75 रुपये थी, वह 15 रुपये महंगा हो गया है। यह पव्वा आज से 90 रुपये का मिलेगा। अंग्रेजी शराब का क्वार्टर 15 से 25 रुपये महंगा हुआ है। हॉफ और फुल बोतल भी महंगी मिलेगी। बीयर के कैन का रेट 10 रुपये बढ़ा है। बोतल के दामों में 20 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
छत्तीसगढ़ में कितनी महंगी हुई शराब?
छत्तीसगढ़ में भी आज से शराब महंगी हो गई है। प्रदेश में पव्वे से लेकर बोतल-कैन तक के दामों से 10 से 40 रुपये का इजाफा हुआ है। नई आबकारी नीति लागू करते हुए विष्णुदेव साय सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लगाए गए सभी सेस हटा दिए हैं। कोरोना काल के समय लगाए गए सभी टैक्स हटा दिए हैं। प्रदेश सरकार को आगामी वित्त वर्ष के लिए 11 हजार करोड़ का राजस्व जुटाने का टारगेट मिला है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में शराब के दामों में 150 से लेकर 200 रुपये का इजाफा हुआ है। नई आबकारी नीति लागू होते ही बीयर, शराब के दामों में 15 प्रतिशत का इजाफा हो गया। मोहन यादव सरकार को नए वित्त वर्ष के लिए करीब 15 हजार करोड़ के राजस्व का टारगेट मिला है। अकेले भोपाल के लिए 916 करोड़ का लक्ष्य मिला है।